पूर्ण रोजगार का अर्थ
पूर्ण रोजगार उस अवस्था को कहते हैं जब सभी व्यक्तियों को जो काम करना चाहते हैं तथा काम करने की सामर्थ रखते हैं प्रचलित मजदूरी की दर पर रोजगार या काम प्राप्त हो जाए पहले यह की पूर्ण रोजगार से हमारा अर्थ हर व्यक्ति को काम मिल जाने से नहीं है कुछ व्यक्ति जैसे बच्चे बूढ़े मनुष्य तथा शारीरिक तथा मानसिक रूप से असमर्थ व्यक्ति तो कम कर ही नहीं सकते उनका रोजगार या काम उपलब्ध कराने का प्रश्न ही नहीं उठाता वास्तव में इन व्यक्तियों को तो देश के श्रमिक वर्ग से सम्मिलित ही नहीं किया जाता अतः इनके काम न करने की स्थिति में भी पूर्ण रोजगार हो सकता है दूसरी और कुछ व्यक्ति ऐसे हैं जिन्हें बेकार धनी कहते हैं जो काम करने में समर्थ तो रहते हैं परंतु काम करना नहीं चाहते क्योंकि वह जीवन गुजारने के लिए काफी अनर्जित आय प्राप्त कर लेते हैं ऐसे लोगों को भी देश के श्रमिक वर्ग में सम्मिलित नहीं किया जाता ऊपर के विवरण से स्पष्ट है कि बेरोजगार व्यक्ति वे है जो अनैच्छिक रूप से बेकार है वह काम कर सकते हैं काम करना भी चाहते हैं परंतु अर्थव्यवस्था उनका काम या रोजगार उपलब्ध नहीं करते यहां पर एक और भी बात उल्लेखनीय है कि वहां यह है कि कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिनका रोजगार कुछ आर्थिक परिवर्तन आ जाने से बंद हो जाता है उदाहरण तो मशीनों आदि के लिए प्रयोग में आ जाने से कई श्रमिक बेरोजगार हो जाते हैं कई बार लोग अधिक अच्छा रोजगार ढूंढने के लिए एक काम को छोड़कर दूसरे काम को ढूंढते हैं और समय की इस अवधि में जब वह कोई दूसरा अच्छा काम ढूंढ रहे होते हैं तो वह बेरोजगार होते हैं इसके अतिरिक्त कई बार ऐसा भी हो जाता है कि या तो मशीनरी खराब हो जाती है या काम नहीं करती या कच्चा माल प्राप्त नहीं होता जिससे उस उद्योगों में लगे कुछ आदमी बेकार हो जाते हैं दूसरे रोजगार के विषय में जानकारी न होने के कारण भी कई बार बेरोजगार हो जाते हैं इन सभी प्रकार के बेरोजगारी को अर्थशास्त्र घर्षण जनित बेरोजगारी कहते हैं इस प्रकार के बेरोजगार लोगों को आगे पीछे काम प्राप्त हो ही जाता है इस प्रकार की बेरोजगारी कोई गंभीर समस्या नहीं है इस प्रकार पूर्ण रोजगार के विवेचन में अस्थाई बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए इस अस्थाई बेरोजगारी के कई कारण हो सकते हैं श्रम बाजार की अपूर्णताएं श्रम की गतिहीनता कच्चे माल की कठिनाई मशीन तथा साज सज्जा का कुछ समय के लिए खराब हो जाना हम इस प्रकार की बेरोजगारी को बेरोजगार नहीं कहते पूर्ण रोजगार की स्थिति अर्थव्यवस्था में विद्यमान है और जो भी श्रमिक काम प्राप्त करना चाहते हैं और काम करने योग्य हैं उन्हें काम मिल ही जाएगा एक गत्यात्मक अर्थव्यवस्था में इस प्रकार की बेरोजगारी होना आवश्यक है क्योंकि पुराने उद्योग घट रहे होते हैं और कई प्रकार के नए उद्योग बढ़ रहे होते हैं यह अनुमान लगाया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में तीन प्रतिशत श्रमिक हर समय इस प्रकार की बेरोजगारी का शिकार होते हैं अर्थशास्त्र इन बातों को सोचते हुए इस परिणाम पर पहुंचे की वह बेरोजगारी बेरोजगारी नहीं तो केवल ऊपर बताएं स्थाई कारणों द्वारा पाई जाती है
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