निवेश के वित्तीय सिद्धांत (Financial theories of investment)

1----निवेश का लाभ सिद्धांत (the profits theory of investment)--यहां सिद्धांत लाभ सिद्धांत लाभों विशेषकर वितरित लाभो को निवेश का वित्त प्रबंध करने के लिए अतिरिक्त निधियों का स्रोत मानता है निवेश लाभों पर निर्भर करता है और लाभ आय पर निर्भर करते हैं इस सिद्धांत में लाभ वर्तमान लाभों के स्तर और निकट पूर्व के लाभों से संबंधित हैं यदि कुल आय और कुल लाभ ऊंचे हैं तो फर्मो के रखे हुए अर्जुन भी ऊंचे होते हैं और विलोमश रखे हुए अर्जन छोटी और बड़ी फर्मों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं जब पूजी बाजार अपूर्ण होता है तो उनका प्रयोग करना सस्ता होता है

इस प्रकार यदि लाभ ऊंचे हैं तो रखे हुए अर्जन भी ऊंचे होते हैं पूंजी की  लागत  कम होती है और इष्टतम पूंजी स्टाक अधिक होता है यही कारण होता है कि फर्म अपने अतिरिक्त लाभों को बैंकों में रखने की बजाएं प्रतिभूतियां खरीदने या शेयर होल्डरो को लाभांश देने के लिए पुनर्निवेश करने पर अधिमान देती हैं
इसके विपरीत जब उनके लाभ गिरते हैं तो वे अपनी निवेश परियोजनाओं में कमी कर देती है यह लाभ सिद्धांत की तरलता व्याख्या है

जिसमें कुल लाभ आय स्तर के साथ सीधे परिवर्तित होते है लाभ के प्रत्येक स्तर के लिए एक इष्टतम पूंजी स्टाक होता है इष्टतम पूंजी स्टाक लाभों के स्तर के साथ सीधे परिवर्तित होता है ब्याज दर और लाभो का स्तर आगे इष्टतम पूंजी स्टाफ को निर्धारित करता है लाभों के एक विशेष स्तर के लिए जितनी ऊंची ब्याज दर होगी उतना ही कम इष्टतम पूंजी स्टाक होगा  

Comments