साख नियंत्रण की विधियां Methods of credit control.

इस आर्टिकल में हम  साख   नियंत्रण की सबसे पहली विधि  की व्याख्या करेंगे साख नियंत्रण  के इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा नियंत्रण के विभिन्न साधनों  जैसे खुले बाजार प्रचलन बैंक दर रिजर्व अनुपात तथा चयनात्मक साख नियंत्रण द्वारा मौद्रिक नीति का प्रचलन करता है आइए हम खुले बाजार प्रचलन का विस्तृत अध्ययन निम्नलिखित प्रकार से है


खुले बाजार प्रचलन open market operations ,-- खुले बाजार प्रचलन से अभिप्राय केंद्रीय बैंक द्वारा विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियों जैसे विदेशी मुद्रा स्वर्ण सरकारी प्रतिभूतियों और कंपनी शेयर बेचना और खरीदना है भारतीय रिजर्व बैंक के खुले बाजार प्रचलन मुख्य तौर से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने तक ही सीमित है इसके मुख्य कारण हैं प्रथम कारण यह है कि भारत में श्रेष्ठ प्रतिभूतियां मार्केट तथा सरकारी हुंडी मार्केट विकसित नहीं है जहां तक सरकारी प्रतिभूतियां या ब्रांडो की मार्केट है वह भी अधिकतर बंदी मार्केट है जिस पर भारती रिजर्व बैंक का लगभग एकाधिकार है क्योंकि यही उनको बेचता और खरीदता है दूसरी ओर कुछ वित्तीय संस्थाओं जैसे व्यापारिक बैंक भारतीय बीमा निगम और सामान्य बीमा कंपनी और भविष्य निधि संस्थाओं को कानून अपनी  देयताओं का कुछ प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश  करना पड़ता है तीसरे खुले बाजार प्रचलन सरकारी ऋण प्रबंध के साधन के रूप में प्रयोग  किए जा रहे हैं ना की   साख की लागत एवं उपलब्धता को प्रभावित करने के लिए अतः खुले बाजार प्रचलन में सफल नहीं हुए हैं यदि आपको इससे संबंधित और जानकारी चाहिए तो आप मुझे कमेंट करके बताएं

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