कींस का व्यापार चक्र सिद्धांत keynes theory of the trade cycle

 keynes का व्यापार चक्र सिद्धांत उसके income उत्पादन तथा रोजगार विषयक सिद्धांत का अभिन्न अंग है व्यापार चक्र आय उत्पादन तथा रोजगार के आवर्ती उतार चढ़ाव होते हैं    व्यापार चक्र का प्रमुख कारण पूंजी की सीमांत उत्पादकता में चकरी परिवर्तन है जो कि भले ही पेचीदा होता है और जिसे अर्थव्यवस्था के अन्य महत्वपूर्ण अल्पकालिक चरणों से संबंध परिवर्तन प्राय गंभीर बना देते हैं

Keynes के अनुसार मंदी तथा बेरोजगारी का प्रमुख कारण है समस्त मांग का अभाव समस्त मांग बढ़ाकर पुनरुत्थान किया जा सकता है और उपभोग अथवा निवेश बढ़ाकर समस्त मांग बढ़ाई जा सकती है  क्योंकि अल्पकाल में  उपभोग  तो  स्थिर रहता है इसीलिए निवेश बढ़ाकर पुनरुत्थान किया जा सकता है इसी प्रकार अवनति का प्रमुख कारण है निवेश होने वाली कमी इस प्रकार व्यापार चक्र की किंसी व्याख्या में निवेश की दर में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है और निवेश की दर में उतार-चढ़ाव लाने का प्रमुख कारण पूंजी की सीमांत उत्पादकता में होने वाले उतार-चढ़ाव रहते हैं पूंजी की सीमांत उत्पादकता पूजी परिसंपत्तियों की पूर्ति कीमत तथा उनके प्रत्याशित प्रतिफल पर निर्भर करती है क्योंकि अल्पकाल में पूंजी परिसंपत्ति की पूर्ति कीमत स्थिर रहती है इसीलिए पूंजी की सीमांत उत्पादकता को पूंजी परिसंपत्ति के प्रत्याशी प्रतिफल निर्धारित करते हैं जो आगे व्यापार प्रत्याशा पर निर्भर रहेगा ब्याज की दर में उतार-चढ़ाव भी निवेश की दर में उतार-चढ़ाव उत्पन्न करते हैं परंतु किंग्स ने चकरी उतार-चढ़ाव के  प्रमुख कारण के रूप में पूंजी की सीमांत उत्पादकता में उतार-चढ़ाव को अधिक महत्व दिया है

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