सीमांत उत्पादन संभावना

 जिस प्रकार व्यक्तियों के पास संसाधनों का अभाव होता है उसी तरह कुल मिलाकर किसी अर्थव्यवस्था के संसाधन भी उस अर्थव्यवस्था में रहने वाले व्यक्तियों की सम्मिलित आवश्यकताओं की तुलना में सर्वदा सीमित होते हैं दुर्लभ संसाधनों के वैकल्पिक उपयोग होते हैं तथा प्रत्येक समाज को यह निर्णय करना पड़ता है की वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन के लिए प्रत्येक संसाधन का कितनी मात्रा में उपयोग किया जाना है साधारण शब्दों में हम समझे कि प्रत्येक समाज को यह निर्णय लेना होता है की विभिन्न वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन के लिए वह अपने दुर्लभ संसाधनों का  विनी धान किस प्रकार करे
अर्थव्यवस्था

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