सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम का महत्व

1. यह नियम मांग के नियम की व्याख्या करता है तथा यह सिद्ध करता है कि मांग वक्र दाई और गिरता हुआ क्यों होता है
2. इसी नियम पर उपभोक्ता की बचत का सिद्धांत आधारित है
3. यह नियम आधुनिक कर प्रणाली का आधार है
4. इसी नियम पर सम सीमांत उपयोगिता नियम भी आधारित है
5. यह नियम विनिमय मूल्य तथा प्रयोग मूल्य को स्पष्ट करता है
6. सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम इस तथ्य को भी सपष्ट करता है कि किसी वस्तु की पूर्ति में वृद्धि होने से उस वस्तु के मूल्य में कमी क्यों आती है
7. इस नियम की सहायता से मूल्य विरोधाभास की व्याख्या करना संभव हो पाया है
वस्तुएं एक दूसरे की पूर्ण स्थानापन्न नहीं होती- कोई भी वस्तु वास्तविक जगत में किसी वस्तु की पूर्ण स्थानापन्न नहीं होती है बल्कि निकट की स्थानापन्न होती है इस कारण जब कोई उपभोक्ता एक वस्तु की अधिकाधिक अधिकाधिक इकाइयों का प्रयोग करता है तो उस वस्तु के लिए उस विशिष्ट आवश्यकता की तीव्रता कम हो जाती है लेकिन अगर इस वस्तु की इकाइयां दूसरी अन्य आवश्यकताओं की संतुष्टि में प्रयुक्त हो पाती तो उस वस्तु की सीमांत उपयोगिता कभी कम नहीं होती इस प्रकार यदि वस्तुएं एक दूसरे की पूर्ण स्थानों पर होती तो सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम ही नहीं होता

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