सम उत्पाद वक्र तथा अनधिमान वक्र
सम उत्पादन वक्र का स्वरूप अंधिमान वक्र की ही भांति होता है अंधिमान वक्र दो वस्तुओं के सभी संभावित सहयोगों को प्रदर्शित करता है जिनसे उपभोक्ता को सामान संतुष्टि मिलती है सम उत्पाद वक्र साधनों के उन सभी संभावित संयोगों को दिखाता है जिनसे उत्पादक को सामान उत्पादन मिलता है अंधिमान वक्र संतुष्टि या उपयोगिता को व्यक्त करता है पर संतुष्टि को किसी भौतिक इकाई के माध्यम से व्यक्त नहीं किया जा सकता है फल स्वरुप अधिमान वक्र संतुष्टि के स्तर को दिखाते हैं संतुष्टि के परिमाणात्मक माप की व्याख्या इनके द्वारा नहीं होती इसीलिए अंधिमान वक्रों को प्रथम द्वितीय तृतीय आदि क्रम में दिखाया जाता है पर सम उत्पाद वक्र साधनों के विभिन्न संयोग से। प्राप्त होने वाले उत्पादन को दिखाते हैं जिनके माप भौतिक इकाई के रूप में संभव है इसीलिए सम उत्पाद वक्र को हम 2०० इकाई 3०० इकाई आदि के रूप में दिखाते हैं।
दो अंडमान
सम उत्पाद खंडों की विशेषता----सम उत्पाद वक्रों का स्वरूप अधिमान वक्रों की तरह होता है इसमें अधिमान वक्रों की सभी विशेषताएं पाई जाती हैं तटस्थता वक्रों की विशेषताओं की विस्तृत व्याख्या अंधिमान वक्र में की गई है अधिमान वक्र की तरह सम उत्पाद वक्र की पहली विशेषता यह है कि यह नीचे दाहिनी और गिरता हुआ होता है इसके ऐसा होने का विश्लेषण इस तरह किया जा सकता है कि यदि सम उत्पाद वक्र नीचे की ओर नहीं गिरेगा तो या तो वह नीचे से ऊपर की ओर उठेगा अथवा आधार या लम्ब अक्ष के समानांतर होगा अब यदि यह ऊपर की ओर उठे तो इससे यह स्पष्ट होगा कि चाहे दोनों ही सदनों की मात्रा घटा दी जाए या बढ़ा दी जाए उत्पादन में कोई परिवर्तन नहीं होगा
Comments
Post a Comment