एकाधिकारिक प्रतियोगिता में मूल्य का विश्लेषण

 एकाधिकारिक प्रतियोगिता में मूल्य विश्लेषण की समस्या पर विचार करते हुए यह मत व्यक्त किया कि एकाधिकारिक प्रतियोगिता में मूल्य विश्लेषण पूर्ण प्रतियोगिता अथवा एकाधिकार के मूल्य के सिद्धांतो के आधार पर नही किया जा सकता है जहां तक पूर्ण प्रतियोगिता के मूल्य सिद्धांत का प्रश्न है वास्तविक जीवन में पाए जाने वाले एकाधिकार के तत्व के अवहेलना करता है पूर्ण प्रतियोगिता से  संबंधित मूल्य सिद्धांत इस मान्यता पर आधारित है की वस्तु की विभिन्न इकाइयां सहजातीय तथा समरूप है इस प्रकार वस्तु विभेद के लिए पूर्ण प्रतियोगिता मैं कोई स्थान नहीं है वस्तु विभेद की अनुपस्थिति के कारण विक्रय लागत या विज्ञापन व्यय का पूर्ण प्रतियोगिता की मूल्य नीति में कोई प्रश्न नहीं उठता है जबकि वास्तुविभेद तथा विक्रय लागत दोनों ही एकाधिकार प्रतियोगिता के अभिन्न अंग है पूर्ण प्रतियोगिता में उत्पादक वस्तु के प्रचलित मूल्य को मानकर चलता है वह केवल उत्पादन निर्धारण करता है क्योंकि दिये हुए या प्रचलित बाजार मूल्य पर वह जितनी चाहे उतनी वस्तुएं बेच सकता है जबकि एकाधिकार प्रतियोगिता में प्रत्येक उत्पादक का अपनी ब्रैण्ड की वस्तु के संबंध में एक छोटा सा बाजार होता है जिसमें उपभोक्ता की रुचि को ध्यान में रखते हुए उत्पादक अपनी वस्तुएं निर्मित करताहै इस प्रकार पूर्ण प्रतियोगितामें मूल्य सिद्धांतकी समस्या से सर्वथा भिन्न रहता है

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