विभिन्न प्रकार की बेरोजगारी तथा उनके कारण

 घर्षण जनित बेरोजगारी --- घर्षण जनित बेरोजगारी वह है जो लगभग सभी अर्थव्यवस्था में पायी जाती है घर्षण जनित बेरोजगार का अर्थ यह है कि अर्थव्यवस्था में कुछ आर्थिक परिवर्तन होने के कारण कुछ व्यक्तियों को थोड़े समय के लिए जब तक की उनका नया काम नहीं मिल जाता बेरोजगार रहना पड़ता है कई नए व्यक्ति जो श्रम शक्ति में पहली बार प्रवेश करते हैं उन्हें रोजगार प्राप्त करने के लिए कुछ समय लगता है इसीलिए वह कुछ समय के लिए बेरोजगार रह जाते हैं कई बार व्यक्ति बेहतर रोजगार प्राप्त करने के लिए एक रोजगार को छोड़कर दूसरे रोजगार को ढूंढते हैं और समय कि उसे अवधि में जब वह कोई दूसरा अच्छा काम ढूंढ रहे होते हैं तो बेरोजगार होते हैं इसके अतिरिक्त रोजगार के विषय में जानकारी न होने के कारण कई बार बेरोजगारी हो जाती है इन सभी प्रकार के बेरोजगारी को अर्थशास्त्र में घर्षण जनित बेरोजगारी कहते हैं इस प्रकार के बेरोजगार लोगों को कुछ समय के बाद रोजगार मिल जाता है अर्थात इस प्रकार की बेरोजगारी अस्थाई होती है इसीलिए इस प्रकार की बेरोजगारी कोई गंभीर समस्या नहीं है यही कारण है कि पूर्ण रोजगार के विवेचन में इस प्रकार की अस्थाई बेरोजगारी को ध्यान में नहीं लाया जाता श्रमिकों में विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध रोजगार के बारे में जानकारी का अभाव होना आदि के कारण पैदा होती है इस प्रकार के घर्षण जनित बेरोजगारी होते हुए भी अर्थशास्त्र में पूर्ण रोजगार की स्थिति का होना माना जाता है क्योंकि इस प्रकार की  अस्थाई  मजदूरी तो अर्थव्यवस्था में अनिवार्य है तथा केवल अस्थाई है और श्रमिकों जो भी श्रमिक इस प्रकार की बेरोजगारी से ग्रस्त होते हैं उन्हें कुछ समय बाद रोजगार प्राप्त हो जाता है 

 संरचनात्मक अथवा ढांचागत बेरोजगारी---- संरचनात्मक बेरोजगारी एक अन्य प्रकार की बेरोजगारी है जो कुछ सीमा तक सदा एक गतिशील अर्थव्यवस्था में पाई जाती है अर्थव्यवस्था में प्राय कई आर्थिक परिवर्तन होते रहते हैं मांग के ढांचे में परिवर्तन के कारण कुछ उद्योग की अवनति होती रहती है जिससे कई श्रमिक बेरोजगार हो जाते हैं और जब तक उन्हें नया रोजगार प्राप्त नहीं होता वह बेरोजगार रहते हैं इसके अतिरिक्त उत्पादन टेक्नोलॉजी में परिवर्तन होता रहता है जिससे पुरानी टेक्नोलॉजी में निपुण व्यक्तियों को कुछ समय के लिए बेरोजगार रहना पड़ सकता है अथवा नई कला कौशल को सीखना भी पढ़ सकता है यदि इस प्रकार के बेरोजगार व्यक्ति को थोड़ा सा प्रशिक्षण देकर नया रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता हो अर्थात इस प्रकार के बेरोजगार व्यक्तियों के बराबर नई नौकरियां उपलब्ध हो तो वह संरचनात्मक ढांचागत बेरोजगारी के अंतर्गत आते हैं एक मुक्त मार्केट अर्थव्यवस्था अर्थव्यवस्था में घर्षण जनित बेरोजगारी तथा संरचनात्मक बेरोजगारी कुल मिलाकर श्रम शक्ति का 3 से 6 प्रतिशत तक हो सकती है क्योंकि यह अस्थाई होती है इनके होते हुए भी पूर्ण रोजगार का पाया जाना माना जाता है

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