अल्पकाल में उत्पादन लागत

 अल्पकाल में लागत के विश्लेषण के पूर्व यह उचित होगा कि अल्पकाल से क्या आशय है यहां काल या समय से हमारा अभिप्राय मांग के अनुसार पूर्ति को समायोजित करने में लगने वाले समय से है अल्पकाल से हमारा अभिप्राय उस समय अवधि से है जिसमें फर्म द्वारा प्रयुक्त स्थिर साधन में वृद्धि नहीं लाई जा सके कोई भी फर्म पूर्ति में वृद्धि केवल उत्पादन के वर्तमान प्लांट के अधिक प्रयोग कच्चे माल के क्रय तथा अधिक श्रमिकों को रोजगार में लाकर कर सकती है समय अवधि इतनी लंबी नहीं रहती है की फर्म के स्थिर साधनों जैसे मशीनरी तथा प्लांट में किसी प्रकार की वृद्धि लाई जा सके इस प्रकार अल्प अवधि में फर्मो की संख्या अथवा उनके आकार मैं किसी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं रहता है प्लांट उत्पादन की भौतिक इकाई है जिसमें मशीन भूमि भवन आदि सम्मिलित है जिनके द्वारा उत्पादन किया जाता है जैसे अल्पकालीन औसत लागत तथा सीमांत लागत एक सेट प्लांट प्रदर्शित करेंगे जबकि फर्म एक वित्तीय इकाई है जो एक या एक से अधिक प्लांटों का सम्मिलित रूप है इस प्रकार प्लांट के आकार में वृद्धि मशीनों के क्रय में वृद्धि के द्वारा ही लाई जा सकती है जबकि फॉर्म के आकार में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है अल्पकाल में समय इतना कम होता है कि फर्म तथा प्लांट दोनो के आकार में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है अल्पकाल की परिभाषा के बाद अब हम अल्पकाल की लागत वक्रों का अध्ययन करते हैं इसके लिए हो आवश्यक है कि अल्पकाल से संबंधित लागतों का अध्ययन कर लें हम जानते हैं कि उत्पादन उत्पादन क्रिया में प्रयुक्त विभिन्न आगतों यह उत्पादन के साधनों का प्रतिफल है इन आगतों या उत्पादन के साधनों को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है प्रथम कुछ साधन ऐसे हो  सकते हैं जिन उत्पादन के परिवर्तन  के लिए तत्काल परिवर्तन लाया जा सकता है दूसरे शब्दों में आगत ऐसे हैं जो उत्पादन के स्तर के साथ परिवर्तित होते रहते हैं जैसे उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए कच्चे माल में वृद्धि श्रमिकों में वृद्धि आदि इन आगतों या साधनों को परिवर्तनीय आगत या साधन कहते हैं परिवर्तनीय साधनों को भुगतान की जाने वाली राशि को परिवर्तनशील लागत कहते हैं इस प्रकार परिवर्तनीय लागत  वह लागत है जो उत्पादन के।  स्तर के  साथ प्रत्यक्ष रूप से संबंधित होती है उत्पादन की वृद्धि तथा कमी इसमें वृद्धि तथा कमी लाती है परिवर्तनशील लागत वह लागत है जिसकी मात्रा उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन होने पर परिवर्तित होती है दूसरी ओर कुछ ऐसे आगत या उत्पादन के साधन होते हैं जिनमें तत्काल परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है जैसे मशीन में वृद्धि पूंजीगत संपत्तियां या भवन में वृद्धि इन पूंजीगत संपत्तियों में वृद्धि कम समय अवधि में लाई जा सकती है इसकी वृद्धि में बहुत अधिक समय लगता है इन साधनों को अल्प अवधि में स्थिर साधन कहते हैं क्योंकि अल्पअवधि में स्थिर साधन कहते हैं क्योंकि अल्पअवधि में इनमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है स्थिर साधनों से संबंधित लागत को स्थिर लागत कहते हैं स्थिर लागत वह लागत है जिनकी कुल राशि अल्पकाल में उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन होने पर भी पूर्णतया परिवर्तित रहती है स्थिर लागत की धारणा का प्रतिपादन मार्शल ने किया जिसे उन्होंने पूरक लागत कहां तथा कहा कि यह ऐसे व्यय है जिनके ऊपर उत्पादन के परिवर्तनीय लागत को मार्शल ने प्रारंभिक या प्रत्यक्ष लागत कहा

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