मांग की लोच को प्रभावित करने वाले तत्व

 किसी वस्तु की मांग की लोच को निर्धारित करने वाले तत्वों की एक लंबी सूची  है जिसमें कुछ तो आर्थिक है तथा कुछ अनार्थिक इसका अध्ययन हम निम्नलिखित शीर्षक में करेंगे

वस्तु की प्रकृति ---वस्तु की प्रकृति के आधार पर किसी वस्तु को तीन भागों में बांटा  जा सकता है अनिवार्य आवश्यकता आरामदायक वस्तुएं तथा विलासिता की वस्तुएं अनिवार्य आवश्यकता की वस्तुएं ऐसी होती हैं जिनके बिना आदमी का काम नहीं चलता है इसीलिए उनकी मांग बेलोच होती है जैसे नमक आराम संबंधी वस्तुओं की मांग न तो  अधिक लोचदार होती है और ना बेलोचदार क्योंकि इनके उपभोग को रोका जा सकता है पर विलासिता की वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती है।  

वस्तु के विभिन्न उपयोग ---- मार्शल के अनुसार यदि कोई वस्तु ऐसी है इसके अनेक प्रयोग होते हैं तो उनकी मांग लोचदार होती है मार्शल के इस संबंध में विभिन्न प्रयोग वाले जल का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि पानी सस्ता हो जाए तो लोग उसे खेती करने कपड़ा धोने बगीचा लगाने में प्रयोग करेंगे पर महंगा होते ही उसके अन्य प्रयोग छोड़ देंगे केवल पीने के ही काम में लेंगे इस प्रकार विभिन्न उपयोग होने के कारण जल की अधिक लोचदार मांग होती है। 

वस्तु के उपयोग का स्थगित किया जाना ---- यदि कोई वस्तु ऐसी है जिसके उपयोग को स्थगित किया जा सकता है तो उसकी मांग की लोच अधिक होगी पर यदि वस्तु  ऐसी है जिसका प्रयोग स्थगित नहीं किया जा सके तो उसकी मांग बेलोच होगी उदाहरण से समझते हैं यदि किसी व्यक्ति के पास बहुत कपड़े हो तो कपड़े का मूल्य बढ़ने पर वह कपड़ा खरीदना स्थगित कर देता है उसे व्यक्ति के लिए कपड़े की मांग की लोच इकाई से अधिक होगी। 

स्थानापन्न वस्तुओं की उपलब्धि-------- यदि कोई वस्तु ऐसी है जिसके अनेक स्थानापन्न वस्तुएं हैं तो उस वस्तु की मांग की लोच अधिक होगी यदि कोई वस्तु ऐसी है जिसका कोई स्थानापन्न नहीं है तो उसकी मांग की लोच कम होगी उदाहरण के लिए चाय तथा कॉफी। 

उपभोक्ता की आय -----  आय  की मात्रा भी मांग की लोच पर प्रभाव पड़ता है ऐसा देखा जाता है कि एक ही वस्तु की मांग की लोच अधिक आय या काम आय वाले व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है धनी व्यक्ति की मुद्रा की सीमांत उपयोगिता कम रहती है इसीलिए मूल्य के बढ़ने पर भी अधिक रुपया खर्च करने में उसे हिचक नहीं होती उसके लिए वस्तु की मांग बेलोच आती है पर होती है पर निर्धन की मांग अधिक लोचदार होती है। 

समाज में आय का वितरण। समाज में धान के असमान वितरण होने पर मांग बेलोच  होती है तथा आय के समान वितरण होने पर मांग की लोच अधिक होती है इसका प्रमुख कारण यह है कि आय के समान वितरण होने पर मध्यम वर्ग के लोगों की प्रधानता होती है जिनकी वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती हैं पर जब आय का असमान वितरण होता है तो ऐसे व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है जिनकी आय कम होती है तथा उनकी वस्तुओं की मांग की लोच कम होती है 

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