मांग की लोच (Elasticity of Demand)

 किसी वस्तु की मांग तथा उसकी प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों के बीच पाये जाने वाले फालनात्मक संबंध को हम मांग का नियम कहते हैं इस प्रकार मांग का नियम यह स्पष्ट करता है की वस्तु के मूल्य में परिवर्तन के कारण वस्तु की मांग परिवर्तित होगी पर मांग के नियम की व्याख्या से यह स्पष्ट नहीं होता कि दोनों में परिवर्तन का अनुपात क्या होगा मूल्य में परिवर्तन के कारण मांग में परिवर्तन कितना होगा किस अनुपात में होगा यह विभिन्न मूल्यो  पर मांग के बदलने की क्षमता पर निर्भर करता है यह क्षमता ही मांग की मूल्य लोच है इसी प्रकार की क्षमता या सापेक्षिक अनुक्रिया मांग तथा उपभोक्ता की आय तथा मांग अन्य वस्तुओं के मूल्य के बीच भी हो सकती है इस प्रकार मांग की लोच के तीन प्रकार होंगे मांग की मूल्य लोच मांग की आय लोच तथा मांग की आड़ी या तिर्यक लोच  

मांग की मूल्य लोच ----- मांग की कीमत लोच एक प्रकार का विशिष्ट संबंध है जो वस्तु की मांग तथा वस्तु के मूल्य के बीच परिवर्तन का अनुपात या दर प्रदर्शित करता है इस प्रकार किसी वस्तु के मूल्य में होने वाले सापेक्षिक परिवर्तन के परिणाम स्वरुप वस्तु की मांगी गई मात्रा में होने वाले सापेक्षिक परिवर्तन के परिणाम स्वरूप वस्तु की मांगी गई मात्रा में होने वाली सापेक्षिक अनुक्रिया की माप ही मांग की लोच है रॉबिंसन के अनुसार मांग की लोच अथवा मूल्य में थोड़े परिवर्तन के परिणाम स्वरूप खरीदी गई वस्तु की  मात्रा के अनुपातिक परिवर्तन को मूल्य के अनुपातिक परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त होती हैं

 वस्तु के मूल्य में होने वाले परिवर्तन के परिणाम स्वरूप वस्तु की मांग में होने वाले परिवर्तन की सापेक्षता के आधार पर मांग की मूल्य लोच की पांच भागों में बांटा जाता है सबसे पहले है पूर्णतया लोचदार मांग दूसरा है पूर्णता बेलोच मांग तीसरा है समलोच मांग या इकाई की लोच चौथी है अधिकतर लोचदार मांग पांचवी मांग है बेलोच मांग हम अपने आने वाले लिखो में आपको एक-एक करके इन पांचो मांग मूल्य लोचो  के बारे में विस्तार से वर्णन व्याख्या करेंगे धन्यवाद

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