आर्थिक नियम (Economic laws)

 सबसे पहले  हमको यह समझना होगा कि नियम क्या है नियम किसे कहते हैं चाहे आर्थिक नियम हो कार्य के संबंध का विश्लेषण करने वाला सामान्य कथन ही नियम कहलाता है नियम यह बताता है कि यदि अमुक स्थिति हो तो उसमें बिना अपवाद के अमुक घटना घटेगी उदाहरण से इसे समझते हैं यदि कोई वस्तु ऊपर उछाली जाए तो सदैव पृथ्वी पर ही गिरेगी उसको ऊपर उछालना कारण है जबकि पृथ्वी पर गिरना उसका कार्य या परिणाम होगा दोनों घटनाओं के कारण कार्य संबंध का निर्देशन करने वाला नियम वैज्ञानिक या प्राकृतिक नियम कहलाता है अर्थशास्त्र एक विज्ञान है इसीलिए आर्थिक नियम भी आर्थिक घटनाओं के कारण कार्य संबंध को प्रदर्शित करते हैं जैसे यदि किसी वस्तु का मूल्य गिर जाता है तो उसकी मांग बढ़ जाती है यह एक आर्थिक नियम है इसमें मूल्य की कमी का कारण है और इसके फल स्वरुप मांग में होने वाली वृद्धि उसका कार्य या परिणाम माना जाएगा अर्थशास्त्र का महत्वपूर्ण नियम मांग का नियम है इसी प्रकार अन्य आर्थिक नियम जैसे क्रमागत उत्पादन ह्रास नियम सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम आदि फल स्वरुप लिए जा सकते हैं जिन कारण एवं कार्य के संबंध का विश्लेषण किया गया है मार्शल का मानना है कि वैज्ञानिक नियम सामान्य धारणा अथवा प्रवृत्तियों के लगभग निश्चित कथन है तथा आर्थिक नियम अथवा आर्थिक प्रवृत्तियों के विवरण सामाजिक नियम है जिनका संबंध आचरण की उन विशिष्ट शाखाओं से है जिन में विशेष रूप से संबंधित प्रयोजनों की शक्तियों को मुद्रा के माध्यम से नापा जा सकता है मार्शल की ही परिभाषाओं से स्पष्ट होता है आर्थिक नियम केवल उन्ही समाजों तक सीमित है जिनमें मुद्दा का प्रचलन है रॉबर्टसन ने इस आधार पर मार्शल के मत की आलोचना की है रॉबर्टसन का कहना है कि आर्थिक नियमों को मानवीयआचरण तक सीमित किया पर ऐसे भी आर्थिक नियम है जो प्रकृति से भी संबंधित हैं जैसे उत्पादन के नियम इस प्रकार आर्थिक नियम मानवीय तथा प्राकृतिक व्यवहार के अध्ययन हैं रॉबिंस का मानना है आर्थिक नियम उन मान्यताओं का उल्लेख करते हैं जिन पर सीमित साधनों द्वारा असीमित आवश्यक की पूर्ति करने से संबंधित मानव व्यवहार निर्भर होता है आशा है आपको यह आर्थिक नियम समझ में आया होगा यदि कहीं पर समझ में ना आए तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं धन्यवाद

Comments