उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत अंधिमान दृष्टिकोण
अधिमान दृष्टिकोण मांग के सिद्धांत के संबंध में एक युगांतरकारी घटना के रूप में स्वीकार किया जाता है क्योंकि इसने मांग के सिद्धांत का प्रतिपादन बिना अंधिमान वक्रों के प्रयोग तथा उपयोगिता के बिना संख्यात्मक या क्रमवाचक माप को विश्लेषण में लाये हुए प्रत्यक्ष रूप से व्यक्त अंधिमान के आधार पर किया प्रोफेसर सेमुएलसन ने यह प्रतिपादित किया कि उपभोक्ता के व्यवहार या चुनाव के सिद्धांत के संबंध में सभी विश्लेषण उन क्रयो के पर्यवेक्षक के आधार पर किया जा सकता है जिसे कोई उपभोक्ता विभिन्न मूल्यों पर वास्तव में करता है बाजार में उपभोक्ता अपने वास्तविक व्यवहार के ही माध्यम से यह व्यक्त कर देता है कि वह संस्थिति या अधिकतम संतुष्टि की स्थिति में वस्तुओं के विभिन्न सहयोगों में से किस क्रय के संदर्भ में होगा यदि कोई उपभोक्ता₹100 रूपया लेकर बाजार जाए और यदि ₹100 मूल्य वाली विभिन्न वस्तुओं में से जिन्हें वह क्रय कर सकता है X वस्तु खरीद कर आता है तो वह उसने कम मूल्य वाली सभी वस्तुओं को छोड़कर X को क्रय किया है इसलिए वह अधिकतम संतुष्टि की स्थिति में है क्रय की गई एक्स को छोड़कर अन्य वस्तु से उसे कम संतुष्टि मिलती है अंधिमान दृष्टिकोण उपभोक्ता के वास्तविक व्यवहार पर आधारित है व्यवहारिक कम वाचक विधि कहा ऐसी स्थिति में उपयोगिता के संख्यात्मक या क्रमवाचक माप की आवश्यकता नहीं होगी जब कोई उपभोक्ता बाजार से वस्तुओं के एक सहयोग के क्रय का निर्णय करता है तो इस निर्णय के दो कारण हो सकते हैं पहले यह की वस्तुओं के अन्य संयोगों की अपेक्षा उस विशिष्ट सहयोग को अधिक चाहता है दूसरा की वह संयोग अन्य संयोगों की तुलना में सस्ता है
यह सिद्धांत इस मान्यता पर आधारित है कि उपभोक्ता विवेकपूर्ण व्यवहार करेगा विवेकपूर्ण व्यवहार के अंतर्गत उपभोक्ता वस्तुओं के उस सहयोग को वरीयता देगा जिसमें वास्तुओं की अधिक मात्रा हो स्पष्ट है वस्तुओं की मात्रा जितनी ही अधिक होगी उपभोक्ता को मिलने वाली कुल उपयोगिता उतनी ही अधिक होगी किसी एक बजट प्रतिबंध की स्थिति में वस्तुओं के किसी एक सहयोग के चुनाव के द्वारा उपभोक्ता अपनी प्राथमिक या अंधिमान को व्यक्त कर देता है उस बजट प्रतिबंध की स्थिति में सुना हुआ संयोग निश्चित रूप से सभी उपलब्ध संयोगों से उत्तम तथा वरीयता प्राप्त होगा क्योंकि चुने हुए संयोग से उपभोक्ता को अधिकतम संतुष्टि प्राप्त होगी
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