केन्द्रीय बैंक द्वारा कमर्शियल बैंकों की सामान्य देख देख और नियंत्रण ( General supervisoin and control of commercial banks by the central bank

केंद्रीय बैंक कमर्शियल बैंकों के सामान्य देखरेख व नियंत्रण का कार्य भी करता है केन्द्रीय बैंक को कुछ कानूनी अधिकार प्राप्त होते हैं जिनके अंतर्गत कमर्शियल बैंकों को उसके द्वारा समय पर जारी किए गए हैं नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है

(1). बैंकों को लाइसेंस जारी करना (Issue of licenses to banks )---- कोई भी कंपनी जो कमर्शियल बैंकिंग व्ययसाय चालू करना चाहिए हो उसे केंद्रीय बैंक से इस कार्य के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है इतना ही नहीं जो पुराने बैंक है उन्हें भी प्रतिवर्ष अपना लाइसेंस नया करवाना पड़ता है लाइसेंस जारी करने से‌ पहले केंद्रीय बैंक कमर्शियल बैंक की अकेक्षित लेख पुस्तकों का निरीक्षण करता है
ताकि वह दो बातों के बारे में संतुष्ट हो सके पहला यहां की बैंक अपने जमाकरताओ  के वर्तमान और भविष्य के दावों को पूरा करने में असमर्थ हो और दूसरा यह कि बैंक का कार्य ऐसे ढंग से किया जा रहा है कि इनके जमा कर्ताओं के हितों की हानि होने की कोई आशंका नहीं है केंद्रीय बैंक को यह भी अधिकार होता है बैंक सही ढंग से अपना कार्य नहीं कर रहा हो तो वह उसका लाइसेंस किसी भी समय रद्द कर सकता है

(2)--- न्युनतम प्रवत पूजी एवं रिजर्व ( Minimum paid-Up capital and reserves --यह सुनिश्चित करने के लिए की कमर्शियल बैंकों का संगठन और कार्यक्रम सही वित्तीय ढंग से हो रहा है केन्द्रीय बैंक उसके भौगोलिक कार्यक्षेत्र के अनुसार न्यूनतम  प्रदत्त पूंजी और नकदी रिजर्व और तरल परिसंपत्तिया नियत कर देता है न्यनतम पूंजी और रिजर्व जो प्रत्येक बैंक के आकार के अनुसार निश्चित किए जाते हैं जबकि नकदी रिजर्व प्रत्येक बैंक को अपनी कुल मांग और सावधि देयताओ के प्रतिशत के रूप में केंद्रीय बैंक में जमा करवानी पड़ती है इसी प्रकार बैंकों को अपने कुल निवेशो का स्थिर  प्रतिशत तरल परिसंपत्तियों में करना होता है

(3).बैंकों का निरीक्षण (Inspection of banks )----केंद्रीय बैंक को यह अधिकार  होता है कि वह किसी भी बैंक के लेखो की वह जांच या उनका अकेक्षण कर सकता है ऐसा यह अपने आपको इस बात के लिए संतुष्ट करने के लिए करता है कि बैंक के पास पर्याप्त पूजी तथा नकदी रिजर्व कानून के अनुसार है कि नहीं और यह जानने के लिए कि बैंक की निवेश एब उधार देने की नीति सही है या नहीं है

Comments