केन्द्रीय बैंक की परिभाषा ( Definition of a central bank )
केन्द्रीय बैंक को उसके कार्यों के अनुसार ऐसी बैंकिंग प्रणाली जिसमें कोई एकल बैंक करेंसी नोट जारी करने का पूर्ण अथवा अवशिष्ट एकाधिकार रखता है
डब्ल्यू. ए.शा के अनुसार --केन्दीय बैंक वह बैंक है जो साख को नियंत्रित करता है
हार्टे के अनुसार--- केंद्रीय बैंक ऋण देने वाला अन्तिम आश्रय है
ए सी एल डे अनुसार --- केंद्रीय बैंक वह है जो मौद्रिक एवं बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित एवं स्थित करने में सहायक होता है
सेयर्ज के मतानुसार -- केंद्रीय बैंक सरकार का वह अंग है जो सरकार के प्रमुख वित्तीय कार्यो का उत्तरदायित्व का ग्रहण करता है और इन कार्यों के व्यवहार तथा अन्य साधन के द्वारा वित्तीय संस्थाओं के व्यवहार को ऐसे ढंग से प्रभावित करता है जिससे सरकार है जिससे सरकार की आर्थिक नीति का समर्थन हो
सेयर्ज सरकारी बैंक के रूप में केंद्रीय बैंक की प्रकृति को ही व्यक्त करता है ये परिभाषाएं संकुचित है क्योंकि बैंक के केवल किसी एक कार्य विशेष को हो बताती है
अब हम सैम्यूल्सन की परिभाषा को देखते हैं उनका मानना है कि बैंक बैंकरों का बैंक है इसका कर्तव्य मौद्रिक आधार को नियंत्रित करना है और इस उच्च स्तरीय मुद्रा के नियंत्रण के माध्यम से समुदाय की मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करना है
डी काट के अनुसार ---- केंद्रीय बैंक वह बैंक है जो अपने देश के मौद्रिक एवं बैंकिंग ढांचे का शिखर होता है और जो जहां तक हो सके सर्वोत्तम ढंग से राष्ट्रीय आर्थिक हित में कार्य करता है
(१).व्यापक एवं सामान्य जनता की आवश्यकताओं के अनुसार करेंसी का नियमन करना जिसके लिए उसे करेन्सी नोट जारी करने का पूर्ण या कम से कम आशिक एकाधिकार प्रदान किया जाता है
(२). राज्य के लिए सामान्य बैंकिंग एवं एजेंसी कार्य करना
(३). कमशियल बैंकों की नकदी आरक्षितियो की रखवाली
(४).राष्ट्र की अंर्तराष्ट्रीय करेंसी आरक्षितयो की रखवाली एवं व्यवस्था
(५). कमर्शियल बैंकों हुंडी दलालों एवं व्यापारियों अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं को पुनर्बटटे तथा सपाश्विक कर्जों के रूप में सुविधाएं प्रदान करना और अन्तिम आश्रय के रूप मैं ऋणदाता का उत्तरदायित्व सामान्यतः स्वीकार करना
(६). बैंकों के समाशोधन शेषो का निर्णय करना
(७). व्यापार की आवश्यकताओं तथा राज्य द्वारा अपनाई गई व्यापार मौद्रिक नीति को कार्यान्वित करने के लिए साख का नियन्त्रण करना
डब्ल्यू. ए.शा के अनुसार --केन्दीय बैंक वह बैंक है जो साख को नियंत्रित करता है
हार्टे के अनुसार--- केंद्रीय बैंक ऋण देने वाला अन्तिम आश्रय है
ए सी एल डे अनुसार --- केंद्रीय बैंक वह है जो मौद्रिक एवं बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित एवं स्थित करने में सहायक होता है
सेयर्ज के मतानुसार -- केंद्रीय बैंक सरकार का वह अंग है जो सरकार के प्रमुख वित्तीय कार्यो का उत्तरदायित्व का ग्रहण करता है और इन कार्यों के व्यवहार तथा अन्य साधन के द्वारा वित्तीय संस्थाओं के व्यवहार को ऐसे ढंग से प्रभावित करता है जिससे सरकार है जिससे सरकार की आर्थिक नीति का समर्थन हो
सेयर्ज सरकारी बैंक के रूप में केंद्रीय बैंक की प्रकृति को ही व्यक्त करता है ये परिभाषाएं संकुचित है क्योंकि बैंक के केवल किसी एक कार्य विशेष को हो बताती है
अब हम सैम्यूल्सन की परिभाषा को देखते हैं उनका मानना है कि बैंक बैंकरों का बैंक है इसका कर्तव्य मौद्रिक आधार को नियंत्रित करना है और इस उच्च स्तरीय मुद्रा के नियंत्रण के माध्यम से समुदाय की मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करना है
डी काट के अनुसार ---- केंद्रीय बैंक वह बैंक है जो अपने देश के मौद्रिक एवं बैंकिंग ढांचे का शिखर होता है और जो जहां तक हो सके सर्वोत्तम ढंग से राष्ट्रीय आर्थिक हित में कार्य करता है
(१).व्यापक एवं सामान्य जनता की आवश्यकताओं के अनुसार करेंसी का नियमन करना जिसके लिए उसे करेन्सी नोट जारी करने का पूर्ण या कम से कम आशिक एकाधिकार प्रदान किया जाता है
(२). राज्य के लिए सामान्य बैंकिंग एवं एजेंसी कार्य करना
(३). कमशियल बैंकों की नकदी आरक्षितियो की रखवाली
(४).राष्ट्र की अंर्तराष्ट्रीय करेंसी आरक्षितयो की रखवाली एवं व्यवस्था
(५). कमर्शियल बैंकों हुंडी दलालों एवं व्यापारियों अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं को पुनर्बटटे तथा सपाश्विक कर्जों के रूप में सुविधाएं प्रदान करना और अन्तिम आश्रय के रूप मैं ऋणदाता का उत्तरदायित्व सामान्यतः स्वीकार करना
(६). बैंकों के समाशोधन शेषो का निर्णय करना
(७). व्यापार की आवश्यकताओं तथा राज्य द्वारा अपनाई गई व्यापार मौद्रिक नीति को कार्यान्वित करने के लिए साख का नियन्त्रण करना
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