मुद्रा की सर्तकता मांग

मुद्रा की सतर्कता मांग का संबंध आडे समय के आकस्मिक खर्चों और लाभप्रद कर के अपूर्वदृष्ट अवसरों के लिए प्रबंध करने की इच्छा से होता है अप्रत्याशित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यक्ति और व्यापारी दोनों ही कुछ नकदी रिजर्व मैं रखते हैं व्यक्ति तो बीमारी दुर्घटना बेरोजगारी और अपूर्व दृष्ट संभाव्यताओ की व्यवस्था करने के लिए कुछ नकदी रखते हैं इसी प्रकार व्यापारी प्रतिकूल स्थिति को पार करने के लिए या अप्रत्याशित सौदों से लाभ उठाने के लिए कुछ नकदी रिजर्व में रखते हैं अतः सतर्कता उद्देश्य के अंतर्गत रखी गई मुदा कुछ-कुछ उस पानी के समान है जो तालाब में रिजर्व रखा जाता है


मुद्रा की सतर्कता मांग आय के स्तर व्यापार किया अप्रत्याशित लाभप्रद सौदों के अवसरों नकदी की प्राप्यता तरल परिसंपत्तियों को बैंक रिजर्व में रखने की लागत आदि पर निर्भर करती  है 

केंज का मत है कि मुद्रा की लेनदेन मांग की तरह सतर्कता मांग आय के स्तर का फलन होती है परंतु लेन-देन मांग की तरह सतर्कता मांग का ऊंची ब्याज दरों के साथ विपरीत संबंध होता है क्योंकि लेनदेन मांग और सतर्कता मांग दोनों हैआय और ब्याज दर का फलन है इसीलिए दोनों उद्देश्यों के लिए मुद्रा की मांग को एक ही समीकरण में व्यक्त किया जाता है

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