विकासशील अर्थव्यवस्था में केंद्रीय बैंक की भूमिका

विकासशील देशों में केंद्रीय बैंक परम्परागत तथा अपरम्परागत दोनों प्रकार के कार्य करता है जो प्रमुख परंपरागत कार्य यह करता है यह करंसी नोट जारी करने का एकाधिकार सरकार का बैंकर बैंकरों का बैंकर उधार दाता के रूप में अंतिम आश्रय साख का नियंत्रण और विनिमय दर को स्थिर  रखना परंतु यह सब कार्य किसी देश के आर्थिक विकास में सहायता के प्रमुखतम कार्य से संबंध रखते हैं केंद्रीय बैंक का उद्देश्य देश में उत्पादन रोजगार और वास्तविक आय के बढ़ते स्तर को बढ़ावा देना और बनाए रखना है 

अधिकांश अल्पविकसित देशों में इस तरह की अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंकों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं इसीलिए इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अनेक कार्य है जिनका हम विस्तार से चर्चा करेंगे 

(1). वित्तीय संस्थाए बनाना और उनका विस्तार करना --

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