मुद्रा मूल्य का बचत निवेश सिद्धांत (Saving Investment theory of the value of money)
मुद्रा का पुराना परिणाम सिद्धांत इस दृष्टि से दुर्लभ है कि वह मुद्रा की पूर्ति तथा समस्त मांग में प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करता है परिणाम सिद्धांत वादियों का मत है कि मुद्रा की पूर्ति बढ़ जाने से वस्तुओं तथा सेवाओं की समस्त मांग बढ़ जाती है और विलोमत भी मुद्रा के परिणाम में होने वाली वृद्धि ही वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग बढ़कर कीमतें बढ़ाती है और विलोमश भी मुद्रा के परिणाम मैं होने वाली वृद्धि ही वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग बढ़कर कीमतें बढ़ाती हैं और विलोमश भी परंतु महामंदी के दौरान अनुभव से यह स्पष्ट हो गया था कि मुद्रा पूर्ति की वृद्धि समस्त मांग को बढ़ाने में असफल रहे
आय सिद्धांत को पहले टूके (Tooke) विकसैल (Wicksell ) तथा अफ्टेलियन ( Aftalion) ने क्रमश विकसित किया और अन्ततः केन्ज के अनुसार मुद्रा पूर्ति में होने वाले परिवर्तन नहीं अभी तो आय में होने वाले परिवर्तन समस्त मांग में परिवर्तन लाते हैं जब आय बढ़ती है तो वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग भी बढ़ जाती हैं इसके विपरीत जब आय घटती है तो समस्त मांग भी गिर जाती है लोग खर्चे घटा देते हैं और कीमत स्तर गिर जाता है इसलिए कीमत स्तर में होने वाले परिवर्तन अर्व्यथवस्था में व्यय के परिणाम पर निर्भर करते हैं और अर्थव्यवस्था में व्यय के परिणाम को आगे आय के स्तर में होने वाले परिवर्तन निर्धारित करते हैं और आय का स्तर बचत एवं निवेश के परिणाम पर निर्भर करता है उस प्रकार समुदाय की आय तथा व्यय अथवा बचत एवं निवेश का परिणाम कीमत स्तर अथवा मुद्रा के मूल्य में परिवर्तन लाते हैं
Comments
Post a Comment