मुद्रा की प्रकति और परिभाषा ( Nature and definition of money)

आज हम पढ़ेंगे मुद्रा की प्रकति और उसकी परिभाषा के बारे में मुद्रा आशिक रूप से तो इसलिए कि यह एक नहीं तीन कार्य करती है जिनमें से प्रत्येक कार्य मुद्रात्व की कसौटी प्रदान करता है ये कार्य है

१---लेखा की इकाई
२---विनिमय का माध्यम
३---और मूल्य का संचय 

कोलबोर्न की परिभाषा बहुत व्यापक है उसने परिभाषा में मूर्त मुद्रा जैसे सोना चांदी चेक सिक्के करेंसी नोट बैंक ड्राफ्ट आदि को तो शामिल किया है साथ ही अमूर्त मुद्रा को भी ले लिया है जो कि हमारे मूल्य कीमत तथा योगिता के विचार की वाहिका है इस प्रकार की व्यापक परिभाषाएं देखकर सर जान है हिक्स ने कहा था कि मुद्रा अपने कार्यो से परिभाषित होती हैं जिस किसी वस्तु को मुद्रा की भांति प्रयोग किया जाए वही मुद्रा बन जाते हैं मुद्रा वह है जो मुद्रा का काम करे मुद्रा की फलनात्मक परिभाषाएं है क्योंकि ये मुद्रा को उसके कार्यों की दृष्टि से परिभाषित करती है

कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मुद्रा को कानूनी शब्दावली में रखा जाता है और कहते हैं कि जिस किसी चीज को सरकार मुद्रा घोषित कर दे वही मुद्रा है इस तरह की  मुद्रा को सामान्य रूप से सभी स्वीकार करते हैं और इसमें ऋण चुकाने की कानूनी शक्ति होते हैं परंतु हो सकता है कि लोग वैध मुद्रा स्वीकार ना करें और उसके बदले में वस्तुएं तथा सेवाए बेचने को तैयार न हो दूसरी ओर संभव है कि जो लोग ऐसी चीजों को मुद्रा के रूप में स्वीकार कर ले जिन्हें ऋण चुकाने के लिए कानूनी तौर पर मुद्रा नहीं कहा गया परंतु जो खूब प्रचलित हो इस तरह की चीजें कमशियल बैंकों द्वारा जारी किए गए चैक और नोट है इस प्रकार वैधता के अतिरिक्त भी कुछ ऐसी बातें हैं जो कुछ चीजों को मुद्रा बनाती हैं

१--परंपरागत दृष्टिकोण The traditional view ------ परंपरागत विचारधारा के अनुसार करेंसी और मान जमा को मुद्रा कहा जाता है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य है विनिमय के माध्यम के रूप में कार्य करना किंन्ज ने  अपनेGeneral theory में नकदी और बैंक की मांग जमा को मुद्रा कहा है
२--शिकागो परिणाम सिद्धांत दृष्टिकोण----शिकागो के परिणाम सिद्धांतवादियो के अनुसार करेंसी और कमशियल बैंक की कुल समायोजित जमाओ  का योग मुद्रा होती है मुद्रा से फ्रीडमैन का तात्पर्य है वे सभी डालर जो लोग जेबों में लिये घूमते हैं और वे सभी डालर जो मांग जमा के रूप में बैंकों में उनके हिसाब में मौजूद हैं किसी भी ऐसी चीज को कह सकते हैं जो सामान्य कय शक्ति को अस्थायी आवास प्रदान करने का काम करे 

३-- रेडक्लिफ की विचारधारा---- रेडक्लिफ समिति रिपोर्ट में मुद्रा की धारणा को अपेक्षाकृत बहुत अधिक व्यापार रुप में ग्रहण किया गया है इसमें अर्थव्यवस्था की उपलब्धता साख की कुल राशि को मुद्रा बताया गया है इस अतिवादी विचारधारा के अनुसार मुद्रा के प्रचलन वेग की धारणा निरर्थता है

४--गुले तथा शा का मत ---काफी बड़ी मात्रा में विभिन्न प्रकार की विभिन्न प्रकार की वित्तीय परिसंपत्तियों को मुद्रा का निकट स्थानापन्न मानते हैं बचत एवं ऋण एसोसियेशन जीवन बीमा कम्पनिया बचत बैंक भविष्य निधि कोष सरकारी प्रतिभूतियों और प्राथमिकता तथा अधिमानित स्टाक खरीदने के लिए अपनी निधियों का प्रयोग करते हैं निधिया प्राप्त करने के लिए वे उन अप्रत्यक्ष प्रतिभूतियों को बेचते हैं जिन्हें वे सावधि जमा बीमा पालिसियो बचतो  कर्जो  शेयरों आदि के रूप में धारण करते हैं

उत्पादकता की शुन्य अथवा नगण्य लोच और मुद्रा वस्तु उत्पादकतो की उच्च लोच वाली मुद्रा के रूप में प्रयुक्त किसी भी अन्य मुद्रा वस्तु के बीच स्थानापन्त्रता की शुन्य अथवा नगण्य लोच इसका परिणाम यह हुआ कि आधुनिक मुद्रा विश्लेषण में सोचने का ढंग ही  गलत हो गया है



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