सूचकांक तैयार करने के तरीके ( Methods of construction of Index numbers)
सूचकांक तैयार करने के लिए हमें निम्नलिखित बातों परधान रखना चाहिए सूचकांक तैयार करने से पहले यह निर्णय कर लेना चाहिए कि किस मतलब के लिए उसकी जरूरत है 1 वर्ग अथवा उद्देश्य के लिए निर्मित सूचकांक अन्य उद्देश्यों के लिए काम में नहीं लाया जा सकता श्रमिक वर्ग का निर्वाह लागत सूचकांक कृषकों के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा सकता क्योंकि उनके उपभोग में सम्मिलित मदे भिन्न-भिन्न होगी
(१)--वस्तुओ का चुनाव. ( Selection of commodities)----वस्तुओं का चुनाव इस बात पर निर्भर करेगा कि सूचकांक इस मतलब या उद्देश्य के लिए तैयार किया जा रहा है परन्तु वस्तुओं की संख्या ना तो बहुत अधिक होनी चाहिए और ना ही बहुत कम फिर जो वस्तुएं चुनी जाए वे ऐसी हो जो वस्तुओं के समूह का व्यापक प्रतिनिधित्व करती हो वस्तुएं ऐसी होनी चाहिए कि उनकी तुलना की जा सके अर्थात मानक अथवा वर्गित वस्तुएं ही चुनी जाए
(३) कीमतों का चुनाव ( selection of prices) --अगला कदम यह है कि वस्तुओं की कीमतों का चुनाव इस मतलब के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कीमतें प्रतिनिधि व्यक्तियों स्थानो अथवा पत्रिकाओं या अन्य स्त्रोतों से चुनी जाए परंतु वे स्रोत विश्वसनीय हो कीमत मुद्रा के हिसाब से लिखनी चाहिए अर्थात सौ रुपए प्रति क्विंटल अथवा मात्रा में लिखनी चाहिए जैसे 2 किलोग्राम प्रति रुपैया यह सावधानी रखनी चाहिए कि यह कीमत है गड़बड़ ना हो जाए फिर थोक या परचून कीमते चुनने की समस्या आती है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि किस प्रकार का सूचकांक निकालना है उपभोक्ता कीमत सूचकांक के लिए थोक कीमतों की जरूरत होती है जबकि निर्वाह लागत सूचकांक के लिए परचून कीमतों की जरूरत होती है परन्तु विभिन्न कीमतें न कर दी जाए
(४)-औसत का चुनाव (selection of an average) --क्योकि सूचकांक औसते होती है इसीलिए उचित औसत चुनने की समस्या सामने आती हैं अंकगणितीय (arithmetic mean ) मध्य तथा गुणोतर= मध्य (geometric mean ) ये दोनों महत्त्वपूर्ण औसते है दोनों में अंकगणितीय मध्य अधिक सरल है पर औसत कीमतों को या तो निश्चित आधार विधि से या श्रृंखला आधार विधि से कीमत सापेक्षताओ प्रतिशतताओ में बदल लेना चाहिए
(५)- भारो का चुनाव ( Selection of weights --- सूचकांक तैयार करते समय विविध वस्तुओं को उचित महत्त्व देना चाहिए जो वस्तुएं उपभोक्ताओं के उपभोग में अधिक महत्वपूर्ण हो उन्हें अन्य वस्तुओं की अपेक्षा महत्त्व देना चाहिए भार निर्धारित करने के लिए यह देखा जाता है कि उपभोक्ता वस्तुओं पर अपनी आय की कितनी सापेक्ष मात्रा प्रतिशत व्यय करते हैं भारो को मूल्य अथवा मात्रा के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है
(६)--आधार अवधि का चुनाव ( Selection of base period ---- सूचकांक के निर्माण में आधार अवधि का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण क़दम है आधार अवधि ऐसी होनी चाहिए जो सामान्य हो और युद्ध अकाल भूकंप सूखा तेज़ी इत्यादि असामान्य घटनाओं से मुक्त हो यह आधार अवधि बहुत हाल की या बहुत पुरानी नहीं होनी चाहिए
(७ )फार्मुले का चुनाव Selection of formula ---सूचकाक बनाने के लिए अनेक फार्मूले का चुनाव आंकड़ों की उपलब्धता तथा सूचकांक के उद्देश्य पर निर्भर करता है सभी प्रकार के सूचकांकों के लिए कोई एक फार्मूला काम में नहीं लाया जा सकता है
(१)--वस्तुओ का चुनाव. ( Selection of commodities)----वस्तुओं का चुनाव इस बात पर निर्भर करेगा कि सूचकांक इस मतलब या उद्देश्य के लिए तैयार किया जा रहा है परन्तु वस्तुओं की संख्या ना तो बहुत अधिक होनी चाहिए और ना ही बहुत कम फिर जो वस्तुएं चुनी जाए वे ऐसी हो जो वस्तुओं के समूह का व्यापक प्रतिनिधित्व करती हो वस्तुएं ऐसी होनी चाहिए कि उनकी तुलना की जा सके अर्थात मानक अथवा वर्गित वस्तुएं ही चुनी जाए
(३) कीमतों का चुनाव ( selection of prices) --अगला कदम यह है कि वस्तुओं की कीमतों का चुनाव इस मतलब के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कीमतें प्रतिनिधि व्यक्तियों स्थानो अथवा पत्रिकाओं या अन्य स्त्रोतों से चुनी जाए परंतु वे स्रोत विश्वसनीय हो कीमत मुद्रा के हिसाब से लिखनी चाहिए अर्थात सौ रुपए प्रति क्विंटल अथवा मात्रा में लिखनी चाहिए जैसे 2 किलोग्राम प्रति रुपैया यह सावधानी रखनी चाहिए कि यह कीमत है गड़बड़ ना हो जाए फिर थोक या परचून कीमते चुनने की समस्या आती है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि किस प्रकार का सूचकांक निकालना है उपभोक्ता कीमत सूचकांक के लिए थोक कीमतों की जरूरत होती है जबकि निर्वाह लागत सूचकांक के लिए परचून कीमतों की जरूरत होती है परन्तु विभिन्न कीमतें न कर दी जाए
(४)-औसत का चुनाव (selection of an average) --क्योकि सूचकांक औसते होती है इसीलिए उचित औसत चुनने की समस्या सामने आती हैं अंकगणितीय (arithmetic mean ) मध्य तथा गुणोतर= मध्य (geometric mean ) ये दोनों महत्त्वपूर्ण औसते है दोनों में अंकगणितीय मध्य अधिक सरल है पर औसत कीमतों को या तो निश्चित आधार विधि से या श्रृंखला आधार विधि से कीमत सापेक्षताओ प्रतिशतताओ में बदल लेना चाहिए
(५)- भारो का चुनाव ( Selection of weights --- सूचकांक तैयार करते समय विविध वस्तुओं को उचित महत्त्व देना चाहिए जो वस्तुएं उपभोक्ताओं के उपभोग में अधिक महत्वपूर्ण हो उन्हें अन्य वस्तुओं की अपेक्षा महत्त्व देना चाहिए भार निर्धारित करने के लिए यह देखा जाता है कि उपभोक्ता वस्तुओं पर अपनी आय की कितनी सापेक्ष मात्रा प्रतिशत व्यय करते हैं भारो को मूल्य अथवा मात्रा के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है
(६)--आधार अवधि का चुनाव ( Selection of base period ---- सूचकांक के निर्माण में आधार अवधि का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण क़दम है आधार अवधि ऐसी होनी चाहिए जो सामान्य हो और युद्ध अकाल भूकंप सूखा तेज़ी इत्यादि असामान्य घटनाओं से मुक्त हो यह आधार अवधि बहुत हाल की या बहुत पुरानी नहीं होनी चाहिए
(७ )फार्मुले का चुनाव Selection of formula ---सूचकाक बनाने के लिए अनेक फार्मूले का चुनाव आंकड़ों की उपलब्धता तथा सूचकांक के उद्देश्य पर निर्भर करता है सभी प्रकार के सूचकांकों के लिए कोई एक फार्मूला काम में नहीं लाया जा सकता है
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