बैंक आरक्षितियो का स्तर ( The level of bank Reserves )
बैक आरक्षितियो का स्तर भी मुद्रा पूर्ति है कमर्शियल बैंकों की आरक्षितियो में उनकी केंद्रीय बैंक के पास जमाए तथा उनकी तिजोरियो या तहखानों में विद्यमान करेन्सी शामिल होती है किसी भी देश का केन्द्रीय बैंक ही मुद्रा पूर्ति निर्धारित करने के लिए कमशियल बैंकों को आरक्षितियो को प्रभावित करता है केन्द्रीय बैंक सभी कमर्शियल बैंकों के लिए यह आवश्यक कर देता है कि वे अपनी सावधि एवं मांग जमाओ दोनों का निश्चित प्रतिशत भाग आरक्षित के रूप में रखें यही कानूनी न्यूनतम अथवा आवश्यक रिजर्व है आवश्यक रिजर्व को कमर्शियल बैंक के आवश्यक रिजर्व अनुपात तथा जमाओ के स्तर निर्धारित करते हैं
जब रिजर्व अनुपात जितना अधिक होगा बैंक को उतने ही अधिक आवश्यक रिजर्व अनुपात जितना अधिक होगा बैंक को उतने ही अधिक आवश्यक रिजर्व रखने होंगे परन्तु मुद्रा पूर्ति निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त रिजर्व ही अधिक महत्वपूर्ण है कुल रिजर्व तथा आवश्यक रिजर्व का अन्तर अतिरिक्त रिजर्व होते हैं यदि कुल रिजर्व 80 लाख हो और आवश्यक रिजर्व 16 लाख अतिरिक्त रिजर्व रू. 64 लाख होंगे
जब आवश्यक रिजर्व घटाकर 8 लाख कर दिए जाते हैं तो अतिरिक्त रिजर्व बढ़ाकर 72 लाख हो जाते हैं कमर्शियल बैंक के अतिरिक्त रिजर्व ही उसकी जमा देवताओं के आकार को प्रभावित करते हैं कमर्शियल बैंक अपने अतिरिक्त रिजर्व के बराबर कर्जे देते और अतिरिक्त रिजर्व मुद्रा पूर्ति का आवश्यक अंग है कि किसी कमर्शियल बैंक की मुद्रा पूर्ति निर्धारित करने के लिए केन्द्रीय बैंक खुले बाजार परिचालन और कटौती दर नीति अपनाकर उसके रिजर्व को प्रभावित करता है
खुले बाजार परिचालन का संबंध सरकारी प्रतिभूतियों तथा अन्य प्रकार की सरकारी तथा निजी परिसम्पतियों जैसी हुंडी प्रतिभूतिया बांड इत्यादि के खुले बाजार में क्रय विक्रय से संबंध रखता है जब केन्द्रीय बैंक खुले बाजार में प्रतिभूतियां बेचता या खरीदता है तो बैंक रिजर्व का स्तर बढ़ या जाता है केन्द्रीय बैंक द्वारा खरीदी जाने वाली प्रतिभूतियों का भुगतान प्रतिभूतियों के धारकों को चैक द्वारा किया जाता है और वे आगे उन चैको कमर्शियल बैंकों में जमा करा देते हैं जिससे बैंक आरक्षितियो का स्तर बढ़ जाता है जब केन्द्रीय बैंक जनता और बैंक को प्रतिभूतिया बेचता है तो स्थित पलट जाती है क्योंकि जनता और बैंक नकदी तथा जनता और बैंक नकदी तथा चैको के माध्यम से केन्द्रीय बैंक को भुगतान करते हैं और परिणाम बैंक आरक्षितियो का स्तर गिर जाता है
जब रिजर्व अनुपात जितना अधिक होगा बैंक को उतने ही अधिक आवश्यक रिजर्व अनुपात जितना अधिक होगा बैंक को उतने ही अधिक आवश्यक रिजर्व रखने होंगे परन्तु मुद्रा पूर्ति निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त रिजर्व ही अधिक महत्वपूर्ण है कुल रिजर्व तथा आवश्यक रिजर्व का अन्तर अतिरिक्त रिजर्व होते हैं यदि कुल रिजर्व 80 लाख हो और आवश्यक रिजर्व 16 लाख अतिरिक्त रिजर्व रू. 64 लाख होंगे
जब आवश्यक रिजर्व घटाकर 8 लाख कर दिए जाते हैं तो अतिरिक्त रिजर्व बढ़ाकर 72 लाख हो जाते हैं कमर्शियल बैंक के अतिरिक्त रिजर्व ही उसकी जमा देवताओं के आकार को प्रभावित करते हैं कमर्शियल बैंक अपने अतिरिक्त रिजर्व के बराबर कर्जे देते और अतिरिक्त रिजर्व मुद्रा पूर्ति का आवश्यक अंग है कि किसी कमर्शियल बैंक की मुद्रा पूर्ति निर्धारित करने के लिए केन्द्रीय बैंक खुले बाजार परिचालन और कटौती दर नीति अपनाकर उसके रिजर्व को प्रभावित करता है
खुले बाजार परिचालन का संबंध सरकारी प्रतिभूतियों तथा अन्य प्रकार की सरकारी तथा निजी परिसम्पतियों जैसी हुंडी प्रतिभूतिया बांड इत्यादि के खुले बाजार में क्रय विक्रय से संबंध रखता है जब केन्द्रीय बैंक खुले बाजार में प्रतिभूतियां बेचता या खरीदता है तो बैंक रिजर्व का स्तर बढ़ या जाता है केन्द्रीय बैंक द्वारा खरीदी जाने वाली प्रतिभूतियों का भुगतान प्रतिभूतियों के धारकों को चैक द्वारा किया जाता है और वे आगे उन चैको कमर्शियल बैंकों में जमा करा देते हैं जिससे बैंक आरक्षितियो का स्तर बढ़ जाता है जब केन्द्रीय बैंक जनता और बैंक को प्रतिभूतिया बेचता है तो स्थित पलट जाती है क्योंकि जनता और बैंक नकदी तथा जनता और बैंक नकदी तथा चैको के माध्यम से केन्द्रीय बैंक को भुगतान करते हैं और परिणाम बैंक आरक्षितियो का स्तर गिर जाता है
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