मुद्रा का परिणाम सिद्धांत और उसके रूपांतरण मैं पीगू का समीकरण
पीगू पहला केम्बिजीय अर्थशास्त्री था जिसने नकदी से सिद्धांत को समीकरण के रूप में प्रस्तुत किया
P= KR/M
जहां p मुद्रा की क्रय शक्ति अथवा मुद्रा का मूल्य अर्थात कीमत स्तर का व्यत्कम है R कुल वास्तविक संसाधनों अथवा आय का अनुपात है औरM वेद मुद्रा की वास्तविक इकाईयो की संख्या को निर्दिष्ट करता है
पीगू के अनुसार मुद्रा की मांग के अंतर्गत केवल वैध मुद्रा अथवा नगदी ही नहीं आती है अपितु बैंक नोट तथा बैंक से सभी आते हैं बैंक नोटो तथा बैंक से शेषो को मुद्रा की मांग में सम्मिलित करने के लिए पीगू ने अपने समीकरण का संबोधित रूप इस प्रकार प्रस्तुत किया
P= kr/M. {c+h(1-c)}
जहा C लोगों द्वारा वैध मुद्रा एवं प्रतीक सिक्कों के रूप में वास्तव में रखी गई कुल वास्तविक आय का अनुपात है (1-c) बैंक नोटों तथा बैंक शेषो का अनुपात है और एच वास्तविक वैध मुद्रा का वह अनुपात है जिसे बैंकर अपने ग्राहकों द्वारा धारित नोटों तथा शेषो के मुकाबले रखते हैं
पीगू ने लक्ष्य किया कि जब समीकरण p=kR/M me know and K .R .C .H को स्थिराक मान लिया जाता है तो दोनों समीकरण आयताकार अधीन्द के रूप में वैध मुद्रा का मांग वक्र प्रदान करते हैं इसका मतलब है कि मुद्रा का मांग वक्र एक रूप एकिक लोच रखता है
P= KR/M
जहां p मुद्रा की क्रय शक्ति अथवा मुद्रा का मूल्य अर्थात कीमत स्तर का व्यत्कम है R कुल वास्तविक संसाधनों अथवा आय का अनुपात है औरM वेद मुद्रा की वास्तविक इकाईयो की संख्या को निर्दिष्ट करता है
पीगू के अनुसार मुद्रा की मांग के अंतर्गत केवल वैध मुद्रा अथवा नगदी ही नहीं आती है अपितु बैंक नोट तथा बैंक से सभी आते हैं बैंक नोटो तथा बैंक से शेषो को मुद्रा की मांग में सम्मिलित करने के लिए पीगू ने अपने समीकरण का संबोधित रूप इस प्रकार प्रस्तुत किया
P= kr/M. {c+h(1-c)}
जहा C लोगों द्वारा वैध मुद्रा एवं प्रतीक सिक्कों के रूप में वास्तव में रखी गई कुल वास्तविक आय का अनुपात है (1-c) बैंक नोटों तथा बैंक शेषो का अनुपात है और एच वास्तविक वैध मुद्रा का वह अनुपात है जिसे बैंकर अपने ग्राहकों द्वारा धारित नोटों तथा शेषो के मुकाबले रखते हैं
पीगू ने लक्ष्य किया कि जब समीकरण p=kR/M me know and K .R .C .H को स्थिराक मान लिया जाता है तो दोनों समीकरण आयताकार अधीन्द के रूप में वैध मुद्रा का मांग वक्र प्रदान करते हैं इसका मतलब है कि मुद्रा का मांग वक्र एक रूप एकिक लोच रखता है
रेखा चित्र में यह समझाया गया है कि जिसमेंDD1 मुद्रा का मांग वक्र है औरQ1 .M1.Q2 .M3 . मुद्रा के पूर्ति वक्र है जो इस मान्यता पर खींचे गए हैं कि किसी निश्चित समय पर मुद्रा की पूर्ति नियत होती है मुद्रा के मूल्य अथवा पीगू की मुद्रा की क्रय शक्ति. P को अनुलंब क्षितिज पर लिया गया है चित्र बताता है कि जब मुद्रा की पूर्ति OM1
Nice
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