मुद्रा के परिणाम सिद्धांत का फीडमैन
केन्ज के General theory of employment interest and money 1936 में प्रकाशित होने के बाद अर्थशास्त्रियों ने मुद्रा के परम्परागत परिणाम सिद्धांत को रद्द कर दिया परन्तु शिकागो विश्वविद्यालय में 1930 and 1940 के दशकों में मुद्रा का परिणाम सिद्धांत मौखिक परम्परा का केंद्रीय तथा शक्तिशाली अंग बना रहा है शिकांगो में फ्रीडमैन ने मुद्रा के परिणाम सिद्धांत का सैद्धांतिक रूप से ऐसा सूक्ष्म एवं सुसंगत रूपांतरण विकसित कर दिया गया है
मुद्रा के परिणाम सिद्धांत के शिकागो रूपांतरण का सर्वप्रथम व्याख्याता प्रोफेसर फ्रीडमैन है जिसने तथा कथित मुद्रा वादी कान्ति प्रस्तुत की उसने अपने1956 में प्रकाशित the quantity theory of money a restatement शीर्षक निबंध में मुद्रा के आधुनिक परिमाण सिद्धांत का विशेष माडल बनाया अब फ्रीडमैन के सिद्धांत के बारे में पढ़ेंगे
फीडमैन का सिद्धांत -- मुद्रा के परिणाम सिद्धांत के पुनः व्यवस्थापन में फ्रीडमैन बलपूर्वक कहता है कि मुद्रा निश्चय ही बहुत महत्व रखती है उसने लक्ष्य किया है कि उसका परिणाम सिद्धांत मुदा की मांग का सिद्धांत है वह उत्पादन मुद्रा आय अथवा कीमतों का सिद्धांत नहीं है
धन के स्वामित्व वाली इकाइयों की ओर से मुद्रा की मांग का विश्लेषण औपचारिक रूप से किसी भी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु की मांग के विश्लेषण के समान है मुद्रा की मांग साधनों के तीन प्रमुख सैटो पर निर्भर करती है सबसे पहला है
(१)--विविध रूपों में रखी जाने वाली सम्पति
(२)-- कीमत तथा सम्पति के इस रुप में तथा वैकल्पिक रूपों पर प्रतिफल
(३)-- सम्पति के स्वामित्व वाली इकाइयों की रुचियां तथा अधिमान इसलिए वह वास्तविक नकदी शेषो की राशि M / P
को एक वस्तु मानता है जिसकी मांग की जाती है क्योंकि यह उस व्यक्ति को सेवाएं प्रदान करती है जो इसे धारण करता है इस प्रकार एक मुद्रा एक परिसंपत्ति अथवा पूंजी वस्तु है अतः मुद्रा का सिद्धांत पूजी या संपत्ति का अग है
संपत्ति पांच विभिन्न रूपों में रखी जा सकती है
(१)---मुदा. (M)
(2)-. बान्ड (B)
(3) -इक्विटी (E)
(4)--भौतिक गैर मानवीय वस्तुएं
(5) --मानवीय पूजी (H)
संपत्ति के धारक अपनी संपत्ति को उसके विविध रूपों में विभाजित करते हैं ताकि वे उनसे अधिकतम लाभ उठा सकें ऐसा करते समय वे अपनी संपत्ति को इस ढंग से विभाजित करते हैं कि एक रूप की जगह दूसरे को स्थानापन्न करने की दर ठीक उस दर पर बराबर हो जिस पर कि वे उन्हें परस्पर स्थानापन्न करने को तैयार हो
अतः मानवीय पूजी को छोड़कर संपति के विविध रूपों में धारणो को बांड इक्विटी आदि परिसंपत्तियों पर कमाई की जा सकने वाली व्याज की दर से और उनकी कीमतों में परिवर्तन की दर से मापा जा सकता है
मुद्रा के परिणाम सिद्धांत के शिकागो रूपांतरण का सर्वप्रथम व्याख्याता प्रोफेसर फ्रीडमैन है जिसने तथा कथित मुद्रा वादी कान्ति प्रस्तुत की उसने अपने1956 में प्रकाशित the quantity theory of money a restatement शीर्षक निबंध में मुद्रा के आधुनिक परिमाण सिद्धांत का विशेष माडल बनाया अब फ्रीडमैन के सिद्धांत के बारे में पढ़ेंगे
फीडमैन का सिद्धांत -- मुद्रा के परिणाम सिद्धांत के पुनः व्यवस्थापन में फ्रीडमैन बलपूर्वक कहता है कि मुद्रा निश्चय ही बहुत महत्व रखती है उसने लक्ष्य किया है कि उसका परिणाम सिद्धांत मुदा की मांग का सिद्धांत है वह उत्पादन मुद्रा आय अथवा कीमतों का सिद्धांत नहीं है
धन के स्वामित्व वाली इकाइयों की ओर से मुद्रा की मांग का विश्लेषण औपचारिक रूप से किसी भी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु की मांग के विश्लेषण के समान है मुद्रा की मांग साधनों के तीन प्रमुख सैटो पर निर्भर करती है सबसे पहला है
(१)--विविध रूपों में रखी जाने वाली सम्पति
(२)-- कीमत तथा सम्पति के इस रुप में तथा वैकल्पिक रूपों पर प्रतिफल
(३)-- सम्पति के स्वामित्व वाली इकाइयों की रुचियां तथा अधिमान इसलिए वह वास्तविक नकदी शेषो की राशि M / P
को एक वस्तु मानता है जिसकी मांग की जाती है क्योंकि यह उस व्यक्ति को सेवाएं प्रदान करती है जो इसे धारण करता है इस प्रकार एक मुद्रा एक परिसंपत्ति अथवा पूंजी वस्तु है अतः मुद्रा का सिद्धांत पूजी या संपत्ति का अग है
संपत्ति पांच विभिन्न रूपों में रखी जा सकती है
(१)---मुदा. (M)
(2)-. बान्ड (B)
(3) -इक्विटी (E)
(4)--भौतिक गैर मानवीय वस्तुएं
(5) --मानवीय पूजी (H)
संपत्ति के धारक अपनी संपत्ति को उसके विविध रूपों में विभाजित करते हैं ताकि वे उनसे अधिकतम लाभ उठा सकें ऐसा करते समय वे अपनी संपत्ति को इस ढंग से विभाजित करते हैं कि एक रूप की जगह दूसरे को स्थानापन्न करने की दर ठीक उस दर पर बराबर हो जिस पर कि वे उन्हें परस्पर स्थानापन्न करने को तैयार हो
अतः मानवीय पूजी को छोड़कर संपति के विविध रूपों में धारणो को बांड इक्विटी आदि परिसंपत्तियों पर कमाई की जा सकने वाली व्याज की दर से और उनकी कीमतों में परिवर्तन की दर से मापा जा सकता है
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