बचत प्रवृति (propensity to save)

आज हम बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे जो है बचत प्रवृति, आशा है ! आपको समझ में आये ,नहीं आये तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं तो आये हम शुरू करें ,
   केन्ज ने बचत को एक सामाजिक दोष माना है यह सामाजिक दोष उन्होंने क्यों माना है जबकि बचत तो एक ऐसा साधन है जिसे कोई भी व्यक्ति हो या सरकार  हो वह ऐसे समय खर्च कर सकते हैं जिस समय  उसको अति आवश्यक जरूरत हो जाती है जिससे उसके उपभोग का स्तर चलता रहे


केन्ज का बचत को सामाजिक दोष मानने का कारण-----केन्ज कि मानना है कि यदि सभी लोग बचत करने लग जाएंगे तो अर्थव्यवस्था में प्रभावि मांग मैं कमी आ जाएगी एक व्यक्ति के द्वारा किया गया व्यय किसी दूसरे व्यक्ति की आय होती है जिससे अर्थव्यवस्था निरंतर चलती रहती है

आइए देखते हैं कि केन्ज यह कथन किन देशों पर लागू होता है किंग का यहां विचार अल्पविकसित देशों पर लागू नहीं होता है अब क्योंकि अल्पविकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय कम होती है और आय कम होने के कारण वह अपनी आय को उपभोग पर  खर्च करते हैं जिसके कारण उनकी बचत नहीं हो पाती है

इसका एक कारण आर्थिक पिछड़ेपन के कारण बचत करना उनके लिए रामबाण की तरह हो जाता है क्योंकि वह लोग जितना कमाते हैं वह सब उपभोग पर खर्च हो जाता है जिससे उनका बचत करना असंभव हो जाता है,

मुझे निर्माण ही आर्थिक विकास की कुंजी होती है और पूंजी निर्माण तभी संभव है जब लोग अधिक बचत करेंगे उपभोग में कमी और बचत में वृद्धि करके ही अल्पविकसित देश प्रगति कर सकते हैं क्योंकि यदि एक व्यक्ति जो गरीब है या एक देश जो अल्पविकसित हैं यदि वह अपनी दैनिक आय में से कुछ बचाता है तो उसके आर्थिक रूप से विकास होगा और यदि सभी व्यक्ति यह सभी अल्पविकसित देश ऐसा करेंगे तो अपने विकास की ओर प्रगति कर सकते हैं

और यह बात



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