रोजगार का केन्जीय सिद्धांत (The keynsian theory of employment)

केन्ज के सिद्धांत में रोजगार प्रभावी मांग (effective demand) पर निर्भर करता है प्रभावी मांग का परिणाम है उत्पादन आय का निर्माण करती हैं आय से रोजगार प्रदान किया जाता है क्योंकि केंन्ज प्रभावी मांग उत्पादन आय तथा रोजगार में प्रस्ताव संबंध मानकर चलता है इसीलिए वह रोजगार को आय का फलन समझता है

प्रभावी मांग दो कारकों द्वारा निर्धारित होती है

१-- समस्त पूति   फलन उत्पादन की भौतिक तथा तकनीकी परिस्थितियों पर निर्भर करता जो कि अल्पकाल में परिवर्तित नहीं होती है यह उत्पादन की मात्रा और रोजगार के स्तर को दर्शाता है रोजगार किसी विशेष स्तर पर उत्पादन के बेचने से प्राप्त होने वाली आय से संबंध है जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ता है प्रत्याशित बिक्री भी बढ़ती है वैसे वैसे रोजगार का  स्तर भी बढ़ता है परन्तु जब अर्थव्यवस्था पूर्ण रोजगार के स्तर पर पहुंच जाती है तो समस्त परंतु रोजगार में और अधिक वृद्धि नहीं होती केन्ज ने पूर्ति फलन रोजगार के स्तर का बढ़ता फलन है 

Comments