अनैच्छिक बेरोजगारी (Involuntary unemployment )
अनैच्छिक बेरोजगारी पूंजीवादी अर्थव्यवस्था से संबंध रखती है जहां अधिकांश श्रमिक मजदूरी के लिए काम करते हैं और जहां उत्पादन अपने उपभोग के लिए होने की वजय विनिमय के लिए अधिक होता है प्रोफेसर दास गुप्ता के अनुसार बड़े उद्योगों और काफी सुविकसित बैंकिंग व्यवस्था के साथ अल्पविकसित अर्थव्यवस्था का संगठित क्षेत्र केंज के अर्थशास्त्र की सीमा मैं आता है क्योंकि वह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताओं को प्रकट करता है परंतु जब देश की कुल कार्यकारी जनसंख्या के संबंध में विचार किया जाता है तो इस क्षेत्र में अनैच्छिक बेरोजगारी महत्वहीन ठहरती हैं भारत में अनैच्छिक की बेरोजगारी कुल कार्यकारी श्रम शक्ति का ०.२#निकलती है इस संबंध में धारणा यह है कि संगठित उद्योग में रोजगार पर लगे व्यक्तियों में 10% अनैच्छिक रूप से बेरोजगार है और संगठित उद्योगों में कुल कार्यकारी जनसंख्या का मुश्किल से 2% प्रतिशत खप पाता है
Nice
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