गुणक का महत्व

आय तथा रोजगार सिद्धांत के संबंध में केंज का एक अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान गुणक की धारणा है काहन ने इसे सड़क निर्माण के विश्लेषण के साधन से आय निर्माण के विश्लेषण के साधन मैं रूपांतरण करके वह कार्य सौंपा जो कि यह आज भी कर रहा है
१ निवेश अल्प काल के दौरान उपभोग फलन स्थिर रहता है इसीलिए निवेश दर में उतार-चढ़ाव के कारण ही आय तथा रोजगार में उतार-चढ़ाव आते हैं निवेश में कमी के परिणाम स्वरूप आय तथा रोजगार मैं  गुणक प्रक्रिया से सचयी कमी आती है

2 व्यापार चक्र में----जब ब्याज की दर में परिवर्तन के कारण आय तथा रोजगार के स्तर में उतार-चढ़ाव आते हैं तो गुणक प्रक्रिया व्यापार चक्र की विभिन्न स्तरों पर प्रकाश डालती है जब निवेश में कमी होती है तो आय तथा रोजगार संचायी
 ढंग से घटने लगते हैं जिसके परिणाम स्वरुप प्रतिसार और अनंत मंदी आती है
३---बचत निवेश समानता---यह बचत तथा निवेश के बीच समानता लाने में भी सहायक होता है यदि बचत तथा निवेश के बीच अंतर होता है तो निवेश में वृद्धि गुणक प्रक्रिया के मार्ग से प्रारंभिक निवेश में वृद्धि की अपेक्षा अधिक मात्रा में आय को बढ़ाती हैं आय में वृद्धि के परिणाम स्वरूप बचत भी और निवेश के बराबर हो जाती है
४--आर्थिक नीतियों का निर्माण---गुणक का आर्थिक नीतियों के निर्माण में आधुनिक सरकारों के हाथों में एक महत्वपूर्ण औजार है इस प्रकार यह नियम पहले से यह मान लेता है की आर्थिक मामलों में राज्य हस्तक्षेप हो
५-----सरकारी हस्तक्षेप---आय के स्तर में संतुलन बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप आवश्यक है जबकि आय के स्तर मैं वृद्धि के लिए निवेश में वृद्धि आवश्यक है मुद्रास्फीति या अवस्फीति की स्थिति में भी सरकारी हस्तक्षेप आवश्यक है

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