त्वरक का निवेश सिद्धांत के रूप में कार्य
त्वरक सिद्धांत के अनुसार निवेश मांग उत्पादन की वृद्धि पर निर्भर करती हैं क्योंकि उत्पादन में वृद्धि से फार्म को
प्रेरणा मिलती है वह पूजी वस्तुओं के स्टाक में वृद्धि करें उत्पादन में परिवर्तन और निवेश में स्पष्ट संबंध पूजी उत्पादन अनुपात ∆I/∆¥, पर निर्भर करता है अर्थात V=∆I/∆y जहां v त्वरक है और∆Y उत्पादन में परिवर्तन तथा ∆I निवेश में परिवर्तन
वास्तव में त्वरक नियम यह बताता है कि पूजी स्टॉक में परिवर्तन उत्पादन में परिवर्तन केV गुणा के बराबर होता है ∆=I=V∆Y इस सिद्धांत में त्वरक का मूल्य सदैव एक से अधिक माना जाता है जिस कारण शुद्ध निवेश में वृद्धि सदैव उत्पादन में वृद्धि से अधिक होती है
एक अर्थव्यवस्था में तीन प्रकार का निवेश पाया जाता है सकल प्रतिस्थापना तथा शुद्ध निवेश यदि प्रतिस्थापन निवेश स्थिर हो तो मान लिया जाए सकल निवेश उत्पादन के प्रत्येक स्तर के साथ परिवर्तित होता है
त्वरक सिद्धांत में शुद्ध निवेश तथा सकल निवेश का उत्पादन के साथ संबंध लिया जाता है शुद्ध निवेश का सूत्र हैं INt=v∆¥तथा सकल निवेश जानने के लिए शुद्ध निवेश के सूत्र के दोनों पक्षों में प्रतिस्थापन निवेश आर जमा कर देते है अतःसकल निवेश
If=v+∆ytr
त्वरक का निवेश सिद्धांत के रूप में कार्य की सहायता से व्याख्या की गई है प्रथम यह सिद्धांत उत्पादन और निवेश में संबंध को व्यक्त करता है दूसरा यह निवेश में जो परिवर्तन उत्पादन में परिवर्तन के कारण होता है वह उत्पादन में परिवर्तन से अधिक होता है तीसरे अर्थव्यवस्था में पूर्ण क्षमता पर कार्य करने की मान्यता के आधार पर सापेक्ष तथा उत्पादन मैं थोड़ी सी भी वृद्धि होने पर निवेश में सापेक्षतया बहुत अधिक वृद्धि होगी इसका अभिप्राय यह है कि निवेश में निरंतर वृद्धि के लिए अर्थव्यवस्था को सदैव बढ़ती हुई दर से वृद्धि करनी होगी अंतिम नियम को यदिMEC and MEI वक्र में व्यक्त किया जाएं तो उत्पादन के बढ़ने के साथ दोनों वक्र को क्रमशः पूंजी स्टॉक और निवेश से संबंधित होते हैं
प्रेरणा मिलती है वह पूजी वस्तुओं के स्टाक में वृद्धि करें उत्पादन में परिवर्तन और निवेश में स्पष्ट संबंध पूजी उत्पादन अनुपात ∆I/∆¥, पर निर्भर करता है अर्थात V=∆I/∆y जहां v त्वरक है और∆Y उत्पादन में परिवर्तन तथा ∆I निवेश में परिवर्तन
वास्तव में त्वरक नियम यह बताता है कि पूजी स्टॉक में परिवर्तन उत्पादन में परिवर्तन केV गुणा के बराबर होता है ∆=I=V∆Y इस सिद्धांत में त्वरक का मूल्य सदैव एक से अधिक माना जाता है जिस कारण शुद्ध निवेश में वृद्धि सदैव उत्पादन में वृद्धि से अधिक होती है
एक अर्थव्यवस्था में तीन प्रकार का निवेश पाया जाता है सकल प्रतिस्थापना तथा शुद्ध निवेश यदि प्रतिस्थापन निवेश स्थिर हो तो मान लिया जाए सकल निवेश उत्पादन के प्रत्येक स्तर के साथ परिवर्तित होता है
त्वरक सिद्धांत में शुद्ध निवेश तथा सकल निवेश का उत्पादन के साथ संबंध लिया जाता है शुद्ध निवेश का सूत्र हैं INt=v∆¥तथा सकल निवेश जानने के लिए शुद्ध निवेश के सूत्र के दोनों पक्षों में प्रतिस्थापन निवेश आर जमा कर देते है अतःसकल निवेश
If=v+∆ytr
त्वरक का निवेश सिद्धांत के रूप में कार्य की सहायता से व्याख्या की गई है प्रथम यह सिद्धांत उत्पादन और निवेश में संबंध को व्यक्त करता है दूसरा यह निवेश में जो परिवर्तन उत्पादन में परिवर्तन के कारण होता है वह उत्पादन में परिवर्तन से अधिक होता है तीसरे अर्थव्यवस्था में पूर्ण क्षमता पर कार्य करने की मान्यता के आधार पर सापेक्ष तथा उत्पादन मैं थोड़ी सी भी वृद्धि होने पर निवेश में सापेक्षतया बहुत अधिक वृद्धि होगी इसका अभिप्राय यह है कि निवेश में निरंतर वृद्धि के लिए अर्थव्यवस्था को सदैव बढ़ती हुई दर से वृद्धि करनी होगी अंतिम नियम को यदिMEC and MEI वक्र में व्यक्त किया जाएं तो उत्पादन के बढ़ने के साथ दोनों वक्र को क्रमशः पूंजी स्टॉक और निवेश से संबंधित होते हैं
Gud mem
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