आर्थिक विकास
विकसित एवं विकासशील दोनों ही तरह के देश आर्थिक विकास के लिए उधार लेते हैं विकास शील देशो के पास अपनी योजनाओं के लिए पर्याप्त धन नहीं होता क्योंकि वह गरीब देश होते हैं अतः उन्हें ना केवल आंतरिक बल्कि विदेशी स्रोतों से भी कृषि उद्योग बिजली यातायात तथा संचार आदि के विकास के लिए ऋण लेना पड़ता है विकसित देशों को भी सड़कों रेलवे बिजली आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए उधार लेना पड़ता है
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