बचत तथा निवेश असमानता (Saving and investment equality )

बचत तथा निवेश में आ समानताएं पाई जाती हैं परंतु उनमें इस बात पर मतभेद है कि यह समानता है किस प्रकार स्थापित होती हैं हम इस समस्या के संबंध में सभी विचारधाराओं का विचार विमर्श करेंगे
सबसे पहले क्लासिकल विचारधारा Classical view=क्लासिकल विचारधारा वह परंपरा वादियों से यह विश्वास चला आ रहा है कि अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार पाया जाता है जहां बचत निवेश हमेशा समान होते हैं बचत और निवेश ब्याज कीब्याज की दर के फलन है बीज गणितीय रूप में S@=f(r) और I=f(r) जहां rब्याज दर है एस बचत और निवेश है एस बराबर आई यदि किसी अवधि में पूर्ण रोजगार नहीं है तो इन दोनों के बीच असमानता साफ झलकेगी और इसे ब्याज दर के यंत्र से दूर किया जा सकता है जब ब्याज की दर बढ़ती है तो बचत बढ़ती है और निवेश घट जाता है दूसरी ओर व्याज की दर गिरने पर बचत घटती है और निवेश बढ़ जाता है यदि  किसी भी समय निवेश की अपेक्षा बचत कम होती है तो ब्याज की दर बढ़ती है निवेश घट जाता है और बचत तब तक बढ़ती जाती है जब तक की बचत और निवेश बराबर नहीं हो जाते इसके ठीक विपरीत यह होता है कि जब निवेश की अपेक्षा बचत अधिक होती है तो ब्याज की दर घटती है और बचत तब तक घटती जाती है जब तक कि  न‌ई ब्याज दर पर दोनों बराबर नहीं हो

               

इसे चित्र में स्पट  किया गया है 36 अवसर पर क्षैतिज अक्ष पर और ब्याज की दर अनुलंब अक्ष पर और माफी गई है S's बचत वक्र है जो ब्याज की दर में वृद्धि के साथ ऊपर की और दाएं को चलता है IIनिवेश व्रक है जब हम व्याज की दरor होती है दोनों एक दूसरे को बिन्दुE पर काटते हैं अर्थव्यवस्था पूर्ण रोजगार संतुलन में है 

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