राजकोषीय नीति. Fiscal policy
राजकोषीय नीति - - राजकोषीय नीति अर्थव्यवस्था में तब लाई जाती है जब सरकार की आय से व्यय अधिक हो जाते हैं तब सरकार इस व्यय को पूरा करने के लिए तथा समानता के लिए सरकार जो नीति लाती है वह राजकोषीय नीति कहलाती हैं राजकोषीय नीति का संबंध अर्थव्यवस्था की समृद्धि तक ले जाना होता है तथा अर्थव्यवस्था को निष्पादन को सुधारना होता है निष्पादन से मतलब है इसको पूरा करना तथा समृद्धि को पूरा करना वह लोगों को सामाजिक न्याय प्रदान करने से है यह सरकार के सार्वजनिक व्यय सार्वजनिक आय ऋण तथा उसके प्रबंध से संबंधित है राजकोषीय नीति के द्वारा सरकार अर्थव्यवस्था में रोजगार राष्ट्रीय उत्पादन आंतरिक तथा बाहरी देशों की आर्थिक स्थिरता जैसे उद्देश्यों को प्राप्त करती हैं पहला उद्देश्य सरकार का यह होता है की विकास के लिए संसाधनों या साधनों को एकत्र करना तथा दूसरा उद्देश्य साधनों के आवंटन द्वारा कार्यकुशलता में सुधार करना
राजकोषीय घाटा - आप जानते हैं राजकोषीय घाटा क्या होता है जब बजटीय घाटे में उधार और अन्य देयताओं ओ जोड़ दिया जाता है तब राजकोषीय घाटा प्राप्त होता है बजट घाटे की तुलना में राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था का वास्तविक चित्र अधिक स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है बजटीय घाटे में सार्वजनिक ऋण को भी एक आय मान लिया जाता है जबकि राजकोषीय घाटे में ऋण को आय नहीं माना जाता है
राजकोषीय घाटा - आप जानते हैं राजकोषीय घाटा क्या होता है जब बजटीय घाटे में उधार और अन्य देयताओं ओ जोड़ दिया जाता है तब राजकोषीय घाटा प्राप्त होता है बजट घाटे की तुलना में राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था का वास्तविक चित्र अधिक स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है बजटीय घाटे में सार्वजनिक ऋण को भी एक आय मान लिया जाता है जबकि राजकोषीय घाटे में ऋण को आय नहीं माना जाता है
Comments
Post a Comment