विकास के साथ असमानता मैं वृद्धि के कारण
ऐसे बहुत से कारण है जो एलडीसी मैं विकास की प्रारंभिक अवस्थाओं में सापेक्ष आय असमानता बढ़ाते हैं वे इस प्रकार हैं
- ग्रामीण जनसंख्या का शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरण अनपढ़ और अप्रत्याशित लोगों को शहरों में लाभ कर रोजगार के अवसर प्रदान नहीं करता है उनमें से अधिकतर फल सब्जियां समाचार पत्र आदि बेचने वाले कार साफ करने वाले वेर कुली दुकान सहायक घरेलू नौकर आती बन जाते हैं ऐसे सभी लोग अल्प रोजगार युक्त होते हैं और उनकी आमदनी बहुत कम होती है
- औद्योगिक क्षेत्र पूजी गहन तकनीकी का प्रयोग करता है जो शिक्षित और कुशल वर्करों को खपाता है इस क्षेत्र में वर्करों की ऊंची आय होती है और मालिक अधिक लाभ कमाते हैं इस प्रकार आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में अधिक तेजी से वृद्धि करता है परिणाम स्वरूप क्षेत्र का राष्ट्रीय आय में आयऔर लाभ का सापेक्ष हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा अधिक बढ़ता है
- एलडीसी मैं भौगोलिक सामाजिक वृत्तिय और प्रौद्योगिकी द्वैतवाद पाए जाते हैं जब परंपरागत कृषि समाज में आधुनिक औद्योगिक अर्थव्यवस्था में परिवर्तन की प्रक्रिया प्रारंभ होती है तो यह आज वितरण में असमानताएं बढ़ती हैं संरचनात्मक परिवर्तन होते हैं जो रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं नए संसाधनों का उपयोग करते हैं और प्रौद्योगिकी में सुधार लाते हैं इन सब से औद्योगिक क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती हैं शहरी क्षेत्रों में वर्कर मैनेजर उद्यमियों आदि की आमदनी में तीव्र गति से वृद्धि होती हैं इसके कारण है निर्वाह योगी कृषि त्रुटिपूर्ण भूमि पट्टा प्रणाली और ग्रामीण पिछड़ापन
- राजनीतिक कारण से एलडीसीएस मैं सरकार आय और धन का संकेंद्रीकरण कम करने के लिए भूमि सुधार तथा आर्थिक उपायों से संबंध कानून पास करने और उन्हें लागू करने में अनेक कठिनाइयां आती हैं परिणाम स्वरूप आय समानता में वृद्धि होती
- सर्वोपरि एलडीसीएस मैं जनसंख्या की उच्च वृद्धि दर लोगों की निरपेक्ष संख्या को और परिणामत: सापेक्ष अनार असमानता को बढ़ाती है
Nice
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