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मौद्रिक नीति से संबंधित कुछ परीक्षा उपयोगी स्मरणीय तथ्य
- मुद्रा और साख की पूर्ति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जो नीति अपनाई जाती है उसे मौद्रिक नीति कहा जाता है
- स्वर्ण मान में विनिमय दर में स्थिरता बनाए रखना मौद्रिक नीति का प्रमुख उद्देश्य था
- तटस्थ मुद्रा का विचार सर्वप्रथम विकस्टेड ने प्रस्तुत किया तथा हायक तथा रॉबर्टसन ने इस विचार का समर्थन किया
- मोदी नीति के विभिन्न उद्देश्य एक दूसरे के पूरक ना होकर परस्पर विरोधी हैं जिन में सामंजस्य बनाकर ही वांछित उद्देश्य प्राप्त किया जा सकता है
- आर्थिक विकास और कीमत स्थिरता के उद्देश्य में विरोधाभास है आर्थिक विकास में कीमतों की वृद्धि आवश्यक रूप में होती है
- मौद्रिक नीति का अर्थ केंद्रीय बैंक का मुद्रा की पूर्ति पर नियंत्रण करना है
- गुणात्मक साधनों में चयनात्मक साख नियंत्रण का मुख्य रूप से समावेश होता है जो विशिष्ट प्रकार की साख को नियंत्रित करते हैं
- मौद्रिक नीति द्वारा मांग प्रेरित मुद्रा प्रसार को ही नियंत्रित किया जा सकता है लागत प्रेरित मुद्रा प्रसार को नहीं
- कींस के विचार में मंदी एवं स्फीति दोनों दशाओं के नियंत्रण में राजकोषीय नीति अधिक प्रभावी होती है
- राजकोषीय नीति का संबंध राजस्व से है जो कि सार्वजनिक आय सार्वजनिक व्यय एवंसार्वजनिक ऋण से संबंधित है
- मंदी के समय घाटे का बजट वांछित होता है जबकि इस स्फीति दशाओं में आदित्य बजट अपनाया जाता है
- मंदी के समय आर्थिक क्रियाओं को गति देने के लिए समुद्रीपन व्यय अपनाया जाना चाहिए
- मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियां प्रतिस्पर्धी ना होकर पूरक हैं जिनके उचित समन्वय द्वारा पूर्ण रोजगार आर्थिक स्थायित्व के उद्देश्य प्राप्त किए जा सकते हैं
- राजकोषीय नीति का आशय ऐसी नीति से है जिसमें कर एवं व्यय में समायोजन करके अर्थव्यवस्था की मुद्रास्फीति एवं मुद्रा संकुचन के दुष्परिणामों से बचाया जा सके
- कींस राजकोषीय नीति को सक्रिय एवं प्रभावी मानते हैं और मौद्रिक नीति को प्रभावी एवं निष्क्रिय
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