राजकोषीय मजबूती एवं सरकार द्वारा उठाए गए कदम

 राजकोषीय मजबूती तीव्र वास्तविक  तथा संपोषित आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है मुद्रास्फीति की अल्प दर सुदृढ़ भूटान संतुलन  आदि आर्थिक स्थायित्व के परिचायक हैं राजस्व में वृद्धि सार्वजनिक व्ययो का विवेकी कारण सार्वजनिक ऋण के आकार तथा ब्याज दायित्व में कमी तथा राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे में कमी के द्वारा सरकार ने राजकोषीय समेकन की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं इनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं


नकदी प्रबंध - नकदी प्रबंध व्यय प्रबंध का ही एक रूप है बल्कि समुचित  नकदी प्रबंध प्रभावी  व्यय प्रबंध की अनिवार्य  दशा है वर्तमान व्यय मैं कोई प्रभावशाली नकदी प्रबंध नहीं है क्योंकि पार्लियामेंट द्वारा विनियोग विधेयक पारित करते ही मंत्रालयों के पास बजट द्वारा निर्धारित सीमा तक की नकदी उपलब्ध हो जाती है इसीलिए वित्त मंत्री ने परीक्षण के तौर पर अधिक व्यय करने वाले मंत्रालय में इसे लागू करने की बात की इसके अंतर्गत वर्ष भर के भीतर उपलब्ध संसाधनों के साथ  तालमेल स्थापित करते हुए वर्ष के दौरान निर्धारित समय के लिए  बजेटरी  संसाधन आवंटित किए जाएंगे मंत्रालयों की वास्तविक आवश्यकताओं के आधार पर मासिक अथवा त्रैमासिक नकदी सीमाएं निर्धारित की जाएंगी इसे  प्राप्ति किया और व्यय के बीच अक्सर होने वाले असंतुलन से बचा जा सके तथा व्यय की अधिकता तथा अंतिम तिमाही में संसाधनों के संभावित अपव्यय से बचा जा सकेगा इस प्रकार स्पष्ट है नकदी प्रबंधन व्यय के क्रियान्वयन पक्ष में उत्पन्न होने वाले   अपव्यय को नियंत्रित करने का   प्रबंध का तरीका है

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