आयकर क्या है तथा आयकर की विशेषताएं
आयकर केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया एक अति महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष कर है यह आय पर लगने वाला एक वार्षिक कर है यह प्रत्येक वर्ष में करदाता द्वारा वर्ष भर में कमाई गई कर योग्य आय पर लगाया जाता है कर योग्य आय का निर्धारण आय कर अधिनियम के अनुसार किया जाता है केंद्रीय बजट में आयकर से संबंधित परिवर्तनों का प्रभाव केवल साधारण नागरिक पर ही नहीं होता है यह तो शेयर बाजार पूंजी निवेश बैंक जमा तथा जीवन बीमा व्यवसाय को भी यह प्रभावित करता है सरकार की वित्तीय नीति से इन सब का गहरा संबंध है
करदाता कई प्रकार के होते हैं जैसे एक व्यक्ति फार्म हिंदू अविभाजित परिवार कंपनी व्यक्तियों के समुदाय सहकारी समिति ट्रस्ट प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को जिसकी गत वित्तीय वर्ष की कर योग्य आय कर मुक्त सीमा से अधिक हो चालू वित्तीय वर्ष में लागू दरों से आयकर देना होता है
आयकर की विशेषताएं
प्रत्यक्ष कर - आयकर एक प्रत्यक्ष कर है प्रत्यक्ष कर से तात्पर्य उस पर से होता है जिसका भार उस व्यक्ति पर पड़ता है जो उसे चुका ता है
कुल आय पर कर- यह कुल आय पर लगाया जाता है इसे कर योग्य आय भी कहते हैं कुल आय की गणना अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अनुसार की जाती है आयकर केंद्रीय सरकार द्वारा लगाया वह वसूल किया जाता है
आयकर लगाने का आधार तथा विधि - करदाता की कुल कर योग्य आय की गणना उसकी निवासी स्थिति के आधार पर निम्न 5 शीर्षक में वर्गीकृत करके की जाती है
करदाता कई प्रकार के होते हैं जैसे एक व्यक्ति फार्म हिंदू अविभाजित परिवार कंपनी व्यक्तियों के समुदाय सहकारी समिति ट्रस्ट प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को जिसकी गत वित्तीय वर्ष की कर योग्य आय कर मुक्त सीमा से अधिक हो चालू वित्तीय वर्ष में लागू दरों से आयकर देना होता है
आयकर की विशेषताएं
प्रत्यक्ष कर - आयकर एक प्रत्यक्ष कर है प्रत्यक्ष कर से तात्पर्य उस पर से होता है जिसका भार उस व्यक्ति पर पड़ता है जो उसे चुका ता है
कुल आय पर कर- यह कुल आय पर लगाया जाता है इसे कर योग्य आय भी कहते हैं कुल आय की गणना अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अनुसार की जाती है आयकर केंद्रीय सरकार द्वारा लगाया वह वसूल किया जाता है
आयकर लगाने का आधार तथा विधि - करदाता की कुल कर योग्य आय की गणना उसकी निवासी स्थिति के आधार पर निम्न 5 शीर्षक में वर्गीकृत करके की जाती है
- वेतन से आय
- मकान संपत्ति से आय
- व्यापार तथा पैसे के लाभ
- पूंजी लाभ
- अन्य साधनों से आई
एकर दाता की कुल कर योग्य आय तथा उसके द्वारा देय कर की गणना करने के लिए क्रमवार निम्न विधि अपनाई जाती हैं
- ऊपर वर्णित आई के प्रत्येक शीर्षक में आई को वर्गीकृत करके उसी शीर्षक में स्वीकृत कटौती ओं को घटाने के बाद शेष राशि उस शीर्षक की शुद्ध कर योग्य आय होगी
- प्रत्येक शीर्षक की शुद्ध कर योग्य आय के योग को सकल कुल आय कहते हैं
- सकल कुल आय में से उन कटौती यों को घटाने पर जो राशि शेष बचेगी वह कुल आय अथवा कुल कर योग्य आय कह लाएगी
कर मुक्त आय के संबंध में किए गए खर्चों की कटौती नहीं कुल आय की गणना करते समय ऐसी आई संबंध में जो कुल आई का भाग नहीं है करदाता द्वारा किए गए किसी खर्चे की कटौती नहीं मिलेगी यदि करदाता ऐसी आई के संबंध मैं जो कुल आय का भाग नहीं है यह कहता है की इस आई के संबंध में कोई खर्च नहीं किया गया है या खर्च की गई राशि के संबंध में कर निर्धारण अधिकारी संतुष्ट नहीं है तो निर्धारित नियमों के आधार पर खर्च की राशि निर्धारित कर सकता है
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