निवेश के कुछ नये सिद्धांत some new theories of investment
1-- निवेश का त्वरक सिद्धांत -त्वरक सिद्धांत यह बताता है कि एक फर्म के उत्पादन की दर मै वृद्धि
के लिए उसके पूंजी स्टॉक में अनुपातिक वृद्धि की आवश्यकता होती है पूजी स्टाफ से अभिप्राय इच्छित अथवा इष्टतम पूजी स्टॉक k से है यह मानते हुए की पूंजी उत्पादन अनुपात एक स्थिरांक v है इष्टतम पूजी स्टॉक उत्पादन का एक स्थिर अनुपात होता है इस प्रकार t अवधि में
k☆=vyt
k अवधि t मैं इष्टतम पूजी स्टाक है v त्वरक धनात्मक स्थिर है और yt अवधि t मे उत्पादन है चित्र मेंअवधि t+4 तक उत्पादन बढ़ाने से शुद्ध निवेश में वृद्धि होती है क्योंकि उत्पादन बढ़ती हुई दर से बढ़ रहा है परंतु जब अवधि t+4 और t+6 के बीच में उत्पादन घटती दर से बढ़ता है तो शुद्ध निवेश कम होता जाता है जबt+7 अवधि में उत्पादन कम होना प्रारंभ करता है तो शुद्ध निवेश रण आत्मक हो जाता है
के लिए उसके पूंजी स्टॉक में अनुपातिक वृद्धि की आवश्यकता होती है पूजी स्टाफ से अभिप्राय इच्छित अथवा इष्टतम पूजी स्टॉक k से है यह मानते हुए की पूंजी उत्पादन अनुपात एक स्थिरांक v है इष्टतम पूजी स्टॉक उत्पादन का एक स्थिर अनुपात होता है इस प्रकार t अवधि में
k☆=vyt
k अवधि t मैं इष्टतम पूजी स्टाक है v त्वरक धनात्मक स्थिर है और yt अवधि t मे उत्पादन है चित्र मेंअवधि t+4 तक उत्पादन बढ़ाने से शुद्ध निवेश में वृद्धि होती है क्योंकि उत्पादन बढ़ती हुई दर से बढ़ रहा है परंतु जब अवधि t+4 और t+6 के बीच में उत्पादन घटती दर से बढ़ता है तो शुद्ध निवेश कम होता जाता है जबt+7 अवधि में उत्पादन कम होना प्रारंभ करता है तो शुद्ध निवेश रण आत्मक हो जाता है
उत्पादन में वृद्धि या कमी की समान प्रतिक्रिया होती है सरल त्वरक सिद्धांत मैं इष्टतम पूंजी स्टॉक उत्पादन के साथ आनुपातिक उत्पादन के स्थिर तकनीकी * को की मान्यता पर आधारित है इसे चित्र द्वारा समझाया जा सकता है
जहां पर y or y1 दो सम मात्रा वक्र है फर्मk * पूजी स्टाक द्वाराy उत्पादन करती है यदि वह y1 उत्पादन करना चाहती है तो उसे अपने इष्टतम पूजी स्टॉक कोk1 पर बढ़ाना चाहिए
Comments
Post a Comment