प्रेबिश सिंगर सिद्धांत Prebisch singer thesis
यह सिद्धांत है व्यापार की शतो का दीर्घकालीन ह्रास अल्प विकसित देशों की वृद्धि रोकने में एक महत्वपूर्ण घटक है प्रेबिश सिंगर तथा मिडॆल जैसे अर्थशास्त्रियों का मानना है कि विश्व अर्थव्यवस्था में कुछ असंतुलन कारी शक्तियों के कार्यकारी रहने के परिणाम स्वरुप व्यापार के लाभ प्रमुख रूप से विकसित देशों को प्राप्त हुए हैं कथा विदेशी मुद्रा पर नियंत्रण करने का कारण बने है इस प्रकार व्यापार की शर्तें विकसित देशों के पक्ष में स्थानांतरित हुई है
- इस सिद्धांत की मान्यताएं विकसित देशों की मार्केट एकाधिकार आत्मक है जबकि अल्प विकसित देशों की वस्तुओं की मांग प्रयोगात्मक है
- विकसित देशों में निर्मित वस्तुओं के उत्पादन उत्पादकता में वृद्धि के लाभ को कम कीमतों द्वारा अल्प विकसित देशों को नहीं देते हैं
- व्यापार की आय शर्तों में अल्प विकसित देशों की आर्थिक वृद्धि के निर्धारक तत्व होते हैं
- एंजल के सिद्धांत के अनुसार विकसित देशों में आय में वृद्धि के साथ मांग का ढांचा प्राथमिक से निर्मित वस्तुओं की ओर स्थानांतरित होता है
- अल्प विकसित देशों की प्राथमिक वस्तुओं के लिए मांग विकसित देशों मैं धीरे-धीरे बढ़ती है
- श्रमिक संघों के कमजोर होने के कारण अल्प विकसित देशों में मजदूर कम है इस कारण प्राथमिक वस्तुओं के कीमत कम होती है जो व्यापार की शर्तों में ह्रास लाते हैं
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