विदेशी व्यापार गुणक foreign trade multiplier
विदेशी व्यापार गुणक जो निर्यात गुणक भी कहा जाता है केंन्ज के निवेश गुणक की तरह कार्य करण करता है जब निर्यात बढ़ते हैं तो निर्यात उद्योगों के साथ संबंधित सभी व्यक्तियों की आमदनी यों में वृद्धि होती है जो आगे वस्तुओं के लिए मांग उत्पन्न करती है परंतु यह उनकी सीमांत बचत प्रवृत्ति और सीमांत आयात प्रवृत्ति पर निर्भर करती है जितनी कम यह दोनों सीमांत प्रवृत्तियां होती है उतना ही अधिक गुणक का मूल्य होगा और विदेशी व्यापार गुणक प्रक्रिया को इस प्रकार समझा जा सकता है मान लीजिए कि किसी देश के निर्यातकों में वृद्धि होती है प्रारंभ में निर्यातक अपनी वस्तुएं दूसरे देशों को बेचेंगे और अधिक आय प्राप्त करेंगे विदेशी मांग को पूरा करने के लिए वे अधिक उत्पादन के साधन लगाएंगे ताकि उत्पादन कर सकें इससे साधनो के मालिकों की आय बढेगी यह प्रक्रिया चालू रहेगी और राष्ट्रीय आय गुणक के मूल्य के अनुसार बढ़ेगी गुणक का मूल्य सीमांत बचत प्रवृत्तिMPS और सीमांत आयात प्रवृत्तिMPM के मूल्यों पर निर्भर करता है जबकि इन दोनों प्रवृत्तियों और निर्यात गुणांक में विपरीत संबंध होता है बीजगणित रूप में विदेशी व्यापार गुणक निम्न प्रकार से निकाला जा सकता है
Y= C+I+X-M
Y राष्ट्रीय आय हैं C राष्ट्रीय उपभोग I कुल निवेशX निर्यात M आयात
Y= C+I+X-M
Y राष्ट्रीय आय हैं C राष्ट्रीय उपभोग I कुल निवेशX निर्यात M आयात
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