जेबी से के नियम की आलोचनाएं crriticism of say s law
से के बाजार नियम की प्रमुख धारणा की पूर्ति स्वयं मांग पैदा करती है व्यावहारिक रूप से आधुनिक अर्थव्यवस्था पर लागू नहीं होती जिसके परिणाम स्वरूप सामान्य से अधिक उत्पादन एवं सामान्य बेरोजगारी नहीं हो सकती और 1929 33 की विश्वव्यापी मंदी के समय यह अवास्तविक सिद्ध हुई थी
1- पूर्ति स्वयं मांग पैदा नहीं करती-- से के बाजार नियम की धारणा की उत्पादन ही वस्तुओ की मांग है और जितना भी अर्थव्यवस्था में उत्पादन होता है सारा ही बिक जाता है आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं की दिशा में लागू करना गलत है क्योंकि जिस दिशा में उत्पादन बढता है मांग उतनी नहीं बढ़ पाती यह आवश्यक नहीं कि अर्थव्यवस्था में कुछ ही वस्तुएं उत्पादित होती हैं सिर्फ उन्हीं का ही उपयोग किया जाता है
2 मुद्रा तटस्थ नहीं-- से के अनुसार बाजार मैं वस्तु विनिमय प्रणाली है अतः मुद्रा का उत्पादन क्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता केन्ज ने मुद्रा को प्रमुखता देते हुए से की विचारधारा की आलोचना की है उनके अनुसार मुद्रा ही विनिमय का साधन है और धन का संचय भी करती है जिसके कारण मांग और पूर्ति में असंतुलन रहता है
3 मुद्रा तटस्थ नहीं- मुद्रा का उत्पादन क्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता केंज ने मुद्रा को प्रमुखता देते हुए मुद्रा ही विनिमय का साधन है और धन का संचय भी करता है जिसके कारण मांग और पूर्ति में असंतुलन रहता है
1- पूर्ति स्वयं मांग पैदा नहीं करती-- से के बाजार नियम की धारणा की उत्पादन ही वस्तुओ की मांग है और जितना भी अर्थव्यवस्था में उत्पादन होता है सारा ही बिक जाता है आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं की दिशा में लागू करना गलत है क्योंकि जिस दिशा में उत्पादन बढता है मांग उतनी नहीं बढ़ पाती यह आवश्यक नहीं कि अर्थव्यवस्था में कुछ ही वस्तुएं उत्पादित होती हैं सिर्फ उन्हीं का ही उपयोग किया जाता है
2 मुद्रा तटस्थ नहीं-- से के अनुसार बाजार मैं वस्तु विनिमय प्रणाली है अतः मुद्रा का उत्पादन क्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता केन्ज ने मुद्रा को प्रमुखता देते हुए से की विचारधारा की आलोचना की है उनके अनुसार मुद्रा ही विनिमय का साधन है और धन का संचय भी करती है जिसके कारण मांग और पूर्ति में असंतुलन रहता है
3 मुद्रा तटस्थ नहीं- मुद्रा का उत्पादन क्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता केंज ने मुद्रा को प्रमुखता देते हुए मुद्रा ही विनिमय का साधन है और धन का संचय भी करता है जिसके कारण मांग और पूर्ति में असंतुलन रहता है
Very nice
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