उपभोक्ता के व्यवहार सिद्धांत
दोस्तों आज मैं आपको यूजीसी नेट के पाठ्यक्रम मैं जो सबसे पहली इकाई है उपभोक्ता के व्यवहार के सिद्धांत इसके बारे में बताऊंगी कैसा होता है उपभोक्ता का व्यवहार जब कोई उपभोक्ता किसी वस्तु का उपयोग करता है
उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत--- आज हम किसी भी बाजार में विद्यमान अंतिम वस्तुओं के प्रति उपभोक्ता के व्यवहार के बारे में जानेंगे उपभोक्ता को यह निर्णय करना पड़ता है कि वह जानेंगे उपभोक्ता को यह निर्णय करना पड़ता है कि वह विभिन्न वस्तुओं में से प्रत्येक वस्तु की कितनी मात्रा का उपयोग करना चाहेगा हमारा उद्देश्य इस चयन समस्या का कुछ विस्तार से अध्ययन करना है हम देखेंगे कि उपभोक्ता का चयन उपलब्ध विकल्पों तथा उनकी रुचियो और अधिमानो पर निर्भर करता है पर प्रारंभ में हमें इन उपलब्ध विकल्पों और उपभोक्ता की रुचियां और अधिमानो को बताने के लिए कोई सही और सुविधाजनक विधि निर्धारित करनी होगी उसके बाद उस वर्णित विधि का उपयोग बाजार में उपभोक्ता के द्वारा किए जाने वाले चयन की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाएगा
प्रारंभिक संकेतन तथा अधिग्रहण-- उपभोक्ता सामान्य रूप से बहुत सी वस्तुओं का उपयोग करता है परंतु सरलीकरण के लिए हम उपभोक्ता की चयन समस्या पर ऐसी स्थिति में विचार करेंगे जहां केवल दो ही वस्तुएं हो हम इन दोनों वस्तुओं को वस्तु 1 तथा वस्तु 2 कहेंगे दोनों वस्तुओं की मात्राओं की कोई भी सम्मिलित राशि को उपभोक्ता बंडल अथवा संक्षेप में बंडल कह सकते हैं सामान्य तो हम वस्तु1 की मात्रा को व्यक्त करने के लिएX2 परिवर्त का उपयोग करेंगेx1 औरx2 धनात्मक य शून्य हो सकते हैं (x1 .x2) का तात्पर्य होगा कि वस्तु एक कीx1 मात्रा तथा वस्तु 2 की X2 मात्रा X1 तथा X2 के किसी विशेष मूल्य के लिए ( X1.x2) हमें एक विशेष बंडल प्रदान करती है
उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत--- आज हम किसी भी बाजार में विद्यमान अंतिम वस्तुओं के प्रति उपभोक्ता के व्यवहार के बारे में जानेंगे उपभोक्ता को यह निर्णय करना पड़ता है कि वह जानेंगे उपभोक्ता को यह निर्णय करना पड़ता है कि वह विभिन्न वस्तुओं में से प्रत्येक वस्तु की कितनी मात्रा का उपयोग करना चाहेगा हमारा उद्देश्य इस चयन समस्या का कुछ विस्तार से अध्ययन करना है हम देखेंगे कि उपभोक्ता का चयन उपलब्ध विकल्पों तथा उनकी रुचियो और अधिमानो पर निर्भर करता है पर प्रारंभ में हमें इन उपलब्ध विकल्पों और उपभोक्ता की रुचियां और अधिमानो को बताने के लिए कोई सही और सुविधाजनक विधि निर्धारित करनी होगी उसके बाद उस वर्णित विधि का उपयोग बाजार में उपभोक्ता के द्वारा किए जाने वाले चयन की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाएगा
प्रारंभिक संकेतन तथा अधिग्रहण-- उपभोक्ता सामान्य रूप से बहुत सी वस्तुओं का उपयोग करता है परंतु सरलीकरण के लिए हम उपभोक्ता की चयन समस्या पर ऐसी स्थिति में विचार करेंगे जहां केवल दो ही वस्तुएं हो हम इन दोनों वस्तुओं को वस्तु 1 तथा वस्तु 2 कहेंगे दोनों वस्तुओं की मात्राओं की कोई भी सम्मिलित राशि को उपभोक्ता बंडल अथवा संक्षेप में बंडल कह सकते हैं सामान्य तो हम वस्तु1 की मात्रा को व्यक्त करने के लिएX2 परिवर्त का उपयोग करेंगेx1 औरx2 धनात्मक य शून्य हो सकते हैं (x1 .x2) का तात्पर्य होगा कि वस्तु एक कीx1 मात्रा तथा वस्तु 2 की X2 मात्रा X1 तथा X2 के किसी विशेष मूल्य के लिए ( X1.x2) हमें एक विशेष बंडल प्रदान करती है
Nice
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