अर्थशास्त्र में कोटा Quotas

 जब स्वतंत्र बाजार की शक्तियां अंतरराष्ट्रीय व्यापार के ढांचे में वांछित परिणाम लाने में असफल हो जाती है तो देश की सरकार दिए हुए निश्चित लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु व्यापार की मात्रा एवं दिशा को नियंत्रित करने के लिए अनेक प्रतिबंधात्मक उपायों का प्रयोग करती है इन प्रतिबंधात्मक विधियों मैं से आयात एवं निर्यात कोटा एक मुखी विधि है जो किसी निश्चित समय अवधि जो न्यूनतम 1 महीने की तथा अधिकतम 1 वर्ष की होती है मैं देश में आयात होने वाली अथवा देश से निर्यात होने वाली वस्तु की कुल मात्रा अथवा उसके मूल्य को सीमित करती है
    आयात कोटा पांच प्रकार के होते हैं
1-टेरिफ कोटा tariff Quota इस कोटा प्रणाली के अंतर्गत एक वस्तु की दी हुई मात्रा को बिना शुल्क या सापेक्षतया नीचे शुल्क दर देने पर देश में प्रवेश की आज्ञा दी जाती है परंतु उस मात्रा से अधिक आयात पर सापेक्षता ऊंची शुल्क दर ली जाती है
2- एक पक्षीय कोटा Unilateral Quota कोटा की इस प्रणाली के अंतर्गत आयात की जाने वाली वस्तु की कुल मात्रा क्या मूल्य को अन्य देशों के साथ समझौता किए बिना कानून या डिक्री द्वारा निश्चित किया जाता है अपने आप निश्चित किया गया कोटा व्यापक या आवंटित हो  सकता है व्यापक कोटा के अंतर्गत  कोटा की पूरी राशि किसी भी एक देश से आयात की जा सकती है आवंटित कोटा प्रणाली के अंतर्गत कोटा की कुल मात्रा विभिन्न देशों के बीच बाढ़ दी जाती है

3- बहुपक्षीय कोटा Bilateral Quota इस कोटा प्रणाली के अंतर्गत कोटा को एक या अधिक देशों के साथ कुछ समझौते के अनुसार निश्चित किया जाता है

4- मिश्रण कोटा  Mixing Quotas इस प्रणाली के अनुसार कोटा निश्चित करने वाले देश में घरेलू उत्पादक तैयार वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए कुछ अनुपात में आयातित कच्चे माल के साथ घरेलू कच्चे माल का प्रयोग करते हैं इस प्रकार आयात कोटा प्रणाली कोटा निश्चित करता देश को दो प्रकार से लाभ प्रदान करती है प्रथम यह कच्चे माल के घरेलू उत्पादकों का विदेशी प्रतियोगिता से संरक्षण करती है और दूसरे यह देश के विदेशी विनिमय की बचत करती है


5-आयात लाइसेंस

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