स्थानापन्न तथा पूरक वस्तु
हम उपभोक्ता द्वारा चुने जाने वाली वस्तु की मात्रा तथा किसी संबंध वस्तु की कीमत के बीच संबंध का भी अध्ययन कर सकते हैं एक वस्तु की मात्रा जिसका चयन उपभोक्ता करता है किसी संबंध वस्तु की मूल्य में वृद्धि के साथ बढ़ सकती है अथवा घट सकती है ऐसा होना इस पर निर्भर करता है कि दोनों वस्तुओं स्थानापन्न है अथवा एक दूसरे के पूरक है जिन वस्तुओं का साथ साथ उपयोग किया जाता है उन्हें पूरक वस्तुएं कहा जाता है इन के उदाहरण है चाय तथा चीनी जूते तथा जुराब कलम तथा शाही आदि क्योंकि चाय तथा चीनी एक साथ उपयोग में लाए जाते हैं संभव है कि चीनी की कीमत में वृद्धि चाय के लिए मांग घटाएगी तथा चीनी की कीमत में गिरावट संभवत चाय की मांग को बढ़ाएगी अन्य पूरको के साथ भी ऐसा ही होता है सामान्यत किसी वस्तु के लिए मांग की गति उसकी पूरक वस्तुओं की कीमत के विपरीत दिशा में होती है
पूरको के विपरीत चाय वह काफी जैसी वस्तुओं का एक साथ उपभोग नहीं होता वास्तव में वे एक दूसरे के लिए स्थानापन्न क्योंकि चाय काफी का स्थानापन्न है यदि कॉफी की कीमत में वृद्धि होती है तो उपभोक्ता चाय की ओर जा सकते हैं और इस प्रकार चाय का उपभोग संभवत अधिक हो सकता है दूसरी और यदि काफी की कीमत घटती है तो चाय का उपभोग संभवत नीचे जा सकता है साधारणत किसी वस्तु की मांग उसके स्थानापन्न वस्तु की कीमत की दिशा में गति करती हैं
पूरको के विपरीत चाय वह काफी जैसी वस्तुओं का एक साथ उपभोग नहीं होता वास्तव में वे एक दूसरे के लिए स्थानापन्न क्योंकि चाय काफी का स्थानापन्न है यदि कॉफी की कीमत में वृद्धि होती है तो उपभोक्ता चाय की ओर जा सकते हैं और इस प्रकार चाय का उपभोग संभवत अधिक हो सकता है दूसरी और यदि काफी की कीमत घटती है तो चाय का उपभोग संभवत नीचे जा सकता है साधारणत किसी वस्तु की मांग उसके स्थानापन्न वस्तु की कीमत की दिशा में गति करती हैं
Nice
ReplyDeleteVery well guddu
ReplyDeletegood jb mam
ReplyDeleteThank you for your help
ReplyDeletethanka your help
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteIt si very helpful to us.
ReplyDeleteThanks a lot for this information.
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Very nice
ReplyDeleteGood job! Keep it up...
ReplyDeleteKundan Kumar, Ballia, Begusarai, Bihar {Husaina Diyara}
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