उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत

किसी उपभोक्ता के पास केवल एक निश्चित मात्रा में पैसे आय ऐसी दो वस्तुओं पर व्यय करने के लिए जिनकी लागत बाजार में दी गई है उपभोक्ता दोनों वस्तुओं की अलग-अलग या मिली जुली ऐसी मात्रा को नहीं खरीद सकता जिनका वह उपभोग करना चाहता है उपभोक्ता के लिए उपलब्ध उपभोग बंडल दोनों वस्तुओं की कीमत तथा उपभोक्ता की आय पर निर्भर करता है निश्चित आय तथा दोनों वस्तुओं की कीमतों को देखते हुए उपभोक्ता केवल उन्हीं मंडलों को खरीद सकता है जिनका मूल्य उसकी आय से कम हो या बराबर हो
बजट सेट- मान लीजिए उपभोक्ता की आयM है तथा दोनों वस्तुओं की कीमतें क्रमशःp1 तथा please  है यदि उपभोक्ता वस्तु एक की x1 इकाइयां खरीदना चाहता है  तो उसे p2x2 धन व्यय करना होगा इसलिए यदि उपभोक्ता वस्तु एक की X1 इकाइयों और वास्तु 2 की x2 इकाइयों का  बंडल खरीदना चाहता  है तो उसेp1x1+p2x2 धनराशि व्यय करनी होगी वह यह बंडल तभी खरीद पाएगी जब उसके पास कम से कमp1x1+ p2x2 धनराशि हो

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