मांग की लोच

                     मांग की लोच
मांग की लोच की धारा को सर्वप्रथम मार्शल में प्रस्तुत किया मांग की लोच कीमत में होने वाले अनुपाती परिवर्तन के कारण मांगी गई वस्तु की मात्रा के आनुपातिक परिवर्तन के अनुपात को कहते हैं तो उसे शब्दों में कीमत में परिवर्तन से वस्तुओं की मांग में होने वाले भिन्न-भिन्न परिवर्तनों की मांग को मांग की लोच कहा जाता है
        मांग की लोच के प्रकार(Types of Elasticity of Demand
1- मांग की कीमत लोच
2- मांग की आय लोच
3-  मांग की प्रति लोच
मांग की कीमत लोच- कीमत में परिवर्तन से मांग की प्रतिक्रिया शीलता की कोटि को मांग की लोच कहते हैं मार्शल के अनुसार बाजार में मांग की लोच इस बात के अनुसार अधिक या कम होती है कि कीमत में निश्चित कमी होने पर मांग की मात्रा में अधिक या कम वृद्धि हो तथा कीमत अनिश्चित वृद्धि पर कम या अधिक हो श्रीमती जॉन रॉबिंसन ने इसे और अधिक स्पष्ट किया उनके अनुसार किसी कीमत पर भांग की लोच कीमत में थोड़े परिवर्तन के प्रत्युत्तर में क्रय की गई मात्रा के अनुपाती परिवर्तन को कीमत के अनुपाती परिवर्तन से भाग देने से प्राप्त होती हैं इस परिभाषा को गणिती रूप में ऐसे व्यक्त किया जा सकता है
Ep मांग मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन/ कीमत में प्रतिशत परिवर्तन
मांग की कीमत लोच का गुणांक  सदैव ऋण आत्मक होता है क्योंकि जब कीमत में परिवर्तन होता है तो मांग विपरीत दिशा में गति करती है
मांग की कीमत लोच के प्रकार- मांग की कीमत लोच वस्तु की प्रकृति समय आवश्यकता तथा स्थान के अनुसार भिन्न भिन्न है जो निम्न है
                    

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