प्रतिस्थापन प्रभाव सलट्स्की का प्रतिस्थापन प्रभाव

उपभोक्ता की आभासी वास्तविक आय स्थिर मानकर प्रतिस्थापन प्रभाव की व्याख्या की है इन के अनुसार जब वस्तु की कीमत बदलती है और फल स्वरुप उपभोक्ता की क्रय शक्ति में परिवर्तन होता है उपभोक्ता की आय को भी क्रय शक्ति के समान बदला जाता है उसकी क्रय शक्ति में परिवर्तन की मात्रा वस्तु की कीमत में परिवर्तन तथा उसके द्वारा पूर्व कीमत पर वस्तु की करें मात्रा के गुना के बराबर है  मान लीजिए की वस्तु X की कीमत कम हो जाती है जिससे उपभोक्ता की वास्तविक आय बढ़ती है जिस का संयोजन इस प्रकार किया जाता है कि उपभोक्ता  यदि चाहे तो दोनों वस्तुओं का पहले वाला बंडल खरीद सके जो कीमत में परिवर्तन से पहले उसके पास था ताकि उसकी वास्तविक आय स्थिर रहे लेकिन जैसे ही वह ऊंचे वक्र पर गति करता है तो इसे  प्रतिस्थापन प्रभाव कहते हैं

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