सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम( law of diminishing margainal utility) एवं नियम की क्रियाशीलता के कारण

फार्मास्युटिकल व्युत्पत्ति ह्रास नियमावली विनिर्माण कंपनी की विशिष्टता बताती है कि जैसे कोई ग्राहक किसी वस्तु का अधिकाधिक उपभोग करता है वैसे ही उस वस्तु में उपलब्ध वस्तु का उपयोग दैनिक जीवन में किया जाता है हम यह अनुभव करते हैं कि यदि कोई वस्तु आर्थिक कृषक उपभोक्ताओं के पास प्रबल जातियाँ हैं तो उस वस्तु के बाद आने वाली आर्थिक इकाइयों से मिलने वाली उपयोगिताएँ कम होती हैं अर्थात् पूर्ण संतुष्टि हो जाती है यह नियम 1854 से पहले मैंने गोसेन ने बनाया था इस नियम को मार्शल ने नाम दिया था तथा जेवनस ने इसे गोसेन का प्रथम नियम कहा,
गोसेन के अनुसार.- जब हम किसी एक संतुष्टि का निर्विघ्न रूप से लगातार उपयोग करते हैं तो साधारण शब्दों में जब हम किसी वस्तु का लगातार उपभोग करते हैं तो उस संतुष्टि की मात्रा तब तक निरंतर बनी रहती है। जब तक पूरी संतुष्टि नहीं होती है
उदाहरण के लिए जैसे हमें बहुत भूख लगी होती है हम रोटी खाते हैं हमने शुरू में एक दो रोटी खाई हैं तो कुछ संतुष्टि होती है जैसे हमें रोटी की मात्रा बताई जाती है हमारी भूख मिटती जाती है जब तक पूर्ण संतुष्टि की मात्रा कम हो जाती है तब तक किसी भी वस्तु की मात्रा में कमी नहीं होती है -
1.
वस्तु के सभी कौशल एक समान होते हैं अर्थात सभी इकाइयों के गुण और आकार में एक जैसी होती है
2. उपभोक्ता प्रक्रिया के दौरान उपभोक्ताओं की रुचि फैशन स्वभाव और आय सामान रहना चाहिए
3. बिना समय के किसी वस्तु का उपभोग जारी रहना चाहिए
4. वस्तु के मूल्य में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए
5. मुद्रा का फैशन स्वभाव स्थिर होना चाहिए
6. उपभोक्ता की मानसिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए
7. वस्तु के उपभोग की संख्या का माप संभव नहीं है
8. किसी वस्तु के उपभोग के लिए आवश्यक वस्तुओं का होना आवश्यक है, व्यावहारिकता
के नियम की व्यावहारिकता के कारण- दैनिक जीवन में, नियम का वर्गीकरण, कानून की व्याख्या - दैनिक जीवन में देखा गया है कि जब उपभोक्ता के पास किसी वस्तु की अधिक मात्रा में शैलियाँ पाई जाती हैं तो उस वस्तु की बाद में प्राप्त की गई वस्तुओं से प्राप्त शेखी बघारें इस नियम को निम्न प्रकार से ज्यामिति एवं रेखा चित्रों द्वारा स्पष्ट कर देती हैं     । की संख्या .सीमांत व्युत्पत्ति . कुल मूल्यांकन            1 8 8            3 6 21            4 4 25            5 2 27            6 0 27            7 -2 25
वर्गीकरण नहीं होता- कोई भी वस्तु वास्तविक जगत में किसी वस्तु का पूर्ण स्थानपन्न नहीं होता बल्कि निकट का स्थानपन्न होता है इस कारण जब कोई उपभोक्ता किसी वस्तु का अधिकाधिक इकाई का प्रयोग करता है तो उस वस्तु के लिए उस विशिष्ट प्रश्न का ग्रहण कम हो जाता है लेकिन यदि इस वस्तु की वैयक्तिक अन्य आवश्यकताओं की संतुष्टि में उपयुक्त हो तो उस वस्तु की उपयोगिता कभी कम नहीं होती है इस प्रकार यदि किसी अन्य की पूर्ण स्थानापन्न होती है तो व्यावसायिक विशिष्टता ह्रास नियम कार्यशील ही नहीं होता है            2 7 15
लेकिन यदि इस वस्तु की की संतुष्टि- इस नियम की व्यावहारिकता का दूसरा कारण यह है कि हालांकि किसी भी उपयोगकर्ता की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता है, लेकिन किसी भी वस्तु की अधिकाधिक इकाइयों का उपयोग करने पर इस उपभोक्ता प्रकार की किसी विशिष्ट आवश्यकता को पूरा नहीं किया जा सकता है। तो उसके दस्तावेज़ों का विवरण कम होता है और अंत में एक ऐसी स्थिति सामने आती है जब वह उस वस्तु की किसी भी इकाई को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होता है इस प्रकार उस वस्तु का विवरण उस उपयोगकर्ता के लिए शून्य हो जाता है
   









सेबो की संख्या से अधिक मात्रा का उपयोग किया जाता है। इन से प्राप्त लाभ में उपभोक्ता ऋण ऋणात्मक हो जाता है
प्रस्तुत रेखाचित्रों में आप हमारे व्हाट्सएप नंबर से भी जुड़ सकते हैं अगर आपको कुछ सवाल पूछने हो तो 9568807538

Comments

  1. nice ,aapne bahut acha samjhaya

    ReplyDelete
  2. Very helpful to is thanks a lot

    ReplyDelete

Post a Comment