मांग(Demand)

किसी वस्तु की मांग उस वस्तु की वह मात्रा है जिसे दिए गए समय अवधि में उपभोक्ता विभिन्न कीमतों पर खरीदने की इच्छा और क्षमता रखता है इसीलिए किसी एक व्यक्ति के पास मांग होने के लिए यह आवश्यक है कि उपभोक्ता के पास उसको क्रय करने की इच्छा और क्षमता हो साथ ही यह समय की प्रति इकाई से संबंधित हो जैसे प्रतिदिन प्रति सप्ताह प्रतिवर्ष आदि इस प्रकार कीमत आय रुचियों का फलन मांग है जिसे इस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं
        D=f (p.you. products. t)
  D मांग.f फलन.p कीमत.y आय.pr संबंधित वस्तुएं.t रुचियां हैजब आय संबंधित
मांग का नियम-  मांग का नियम किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा और उसकी कीमत को व्यक्त करता है सर्वप्रथम इस नियम की व्याख्या मार्शल ने की थी उनके अनुसार मांग की मात्रा कीमत गिरने से बढ़ती है और कीमत के बढ़ने से घटती है इस प्रकार मांग का नियम कीमत और मांग में विपरीत संबंध को व्यक्त करता है इससे स्पष्ट है कि मांग का नियम ए बूढ़ा का कथन है ना कि परिणात्मक कथन अर्थात  प्रस्तुत मांग का नियम केवल दिशा को बताता है इसका अर्थ है की यह मांग मैं परिवर्तन के परिणाम को नहीं बताता इसका
संक्षेप मैं मांग का नियम यह बताता है कि मांग कीमत की अपेक्षा विपरीत दिशा में परिवर्तित होती है परंतु यह आवश्यक नहीं है की मांग में परिवर्तन अनुपातिक हो
  मांग के नियम की मान्यताएं-1- उपभोक्ता की आय स्थिर रहती है
2- उपभोक्ता की रुचियों का अधिमानो में कोई परिवर्तन नहीं होता है
3- भविष्य में वस्तु की अपनी कीमत में परिवर्तन की आशा ना हो
4- उपभोक्ता की आदतें यथा स्थिर हो
5 उस वस्तु का कोई अन्य स्थानापन्न ना हो

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