हिंदी का विकास
भाषा के लिए हिंदी शब्द का प्राचीनतम प्रयोग सरफुद्दीन के जफरनामा 1424 में मिलता है
शुद्ध खड़ी बोली हिंदी के पुराने नमूने अमीर खुसरो और बंदा नवाज गेसू दराज रचनाओं में मिलते हैं
हिंदी का वास्तविक आरंभ 1000 ई,से माना जाता है तब से आज तक के समय को तीनों कालों में विभाजित किया जाता है आदिकाल 1000 से 1500 ईसवी तक मध्यकाल 15 साल 1500 से 1800 ईसवी तक आधुनिक काल 1800 से अब तक
हिंदी के विकास में सर्वप्रथम फोर्ट विलियम कॉलेज कोलकाता का योगदान रहा है इनके आचार्य जान गिलक्रिस्ट ने भारतीय भाषाओं का अध्ययन किया ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासकों को हिंदी सिखाने के लिए उन्होंने एक व्याकरण और एक शब्दकोश की रचना की
गिल क्राइस्ट की देखरेख में अनेक पुस्तकों के अनुवाद और मौलिक रचना में भी प्रकाशित हुई इसी संदर्भ में इंशा अल्लाह खां लल्लूलाल सदन मिश्र और सदासुखलाल का योगदान अविस्मरणीय है
इंशाअल्लाह खा ने रानी केतकी की कहानी ठेठ बोलचाल की भाषा में लल्लू लाल की 14 रचनाएं बताई हैं प्रेमसागर उनकी प्रसिद्ध कृति है सदल मिश्र ने नासिकेतोपाख्यान 1803 ईसवी अध्यात्म रामायण और रामचरित की रचना की सदासुखलाल ने अपने सहयोगियों की तुलना में कम लिखा सदासुखलाल इन की प्रसिद्ध रचना है
हिंदी के विकास में पत्र पत्रिकाओं का योगदान महत्वपूर्ण रहा भारतेंदु पूर्व काल में हिंदी का पहला समाचार पत्र उद्दंड मार्तंड 1826 ईसवी कोलकाता से प्रकाशित हुआ 1828 ईसवी मैं कोलकाता से बगदूद का प्रकाशन आरंभ हुआ जिसे 1829 ईस्वी में सरकार ने बंद करवा दिया
शुद्ध खड़ी बोली हिंदी के पुराने नमूने अमीर खुसरो और बंदा नवाज गेसू दराज रचनाओं में मिलते हैं
हिंदी का वास्तविक आरंभ 1000 ई,से माना जाता है तब से आज तक के समय को तीनों कालों में विभाजित किया जाता है आदिकाल 1000 से 1500 ईसवी तक मध्यकाल 15 साल 1500 से 1800 ईसवी तक आधुनिक काल 1800 से अब तक
हिंदी के विकास में सर्वप्रथम फोर्ट विलियम कॉलेज कोलकाता का योगदान रहा है इनके आचार्य जान गिलक्रिस्ट ने भारतीय भाषाओं का अध्ययन किया ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासकों को हिंदी सिखाने के लिए उन्होंने एक व्याकरण और एक शब्दकोश की रचना की
गिल क्राइस्ट की देखरेख में अनेक पुस्तकों के अनुवाद और मौलिक रचना में भी प्रकाशित हुई इसी संदर्भ में इंशा अल्लाह खां लल्लूलाल सदन मिश्र और सदासुखलाल का योगदान अविस्मरणीय है
इंशाअल्लाह खा ने रानी केतकी की कहानी ठेठ बोलचाल की भाषा में लल्लू लाल की 14 रचनाएं बताई हैं प्रेमसागर उनकी प्रसिद्ध कृति है सदल मिश्र ने नासिकेतोपाख्यान 1803 ईसवी अध्यात्म रामायण और रामचरित की रचना की सदासुखलाल ने अपने सहयोगियों की तुलना में कम लिखा सदासुखलाल इन की प्रसिद्ध रचना है
हिंदी के विकास में पत्र पत्रिकाओं का योगदान महत्वपूर्ण रहा भारतेंदु पूर्व काल में हिंदी का पहला समाचार पत्र उद्दंड मार्तंड 1826 ईसवी कोलकाता से प्रकाशित हुआ 1828 ईसवी मैं कोलकाता से बगदूद का प्रकाशन आरंभ हुआ जिसे 1829 ईस्वी में सरकार ने बंद करवा दिया
राजा शिवप्रसाद सितारे हिंदी ने बनारस अखबार 1844 SP काआरंभ किया इनकी भाषा हिंदुस्तानी थी इनकी उर्दू शैली के विरोध में सुधाकर पत्र का प्रकाशन आरंभ हुआ इसी क्रम में कोलकाता से समाचार सुधावर्षण 1854 ईसवी नामक दैनिक का प्रकाशन आरंभ हुआ पंजाब से नवीन चंद्र राय ने ज्ञान प्रकाशशिनी पत्रिका निकाली
nice
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